Teacher Resources Primary Ka Master
Table of Contents
शिक्षक संसाधन (Teacher’s Resources)
आधारशिला क्रियान्वयन संदर्शिका (Adharshila Kriyanvayan Sandarshika) 2023-24
👉🖱 आधारशिला क्रियान्वयन संदर्शिका – हिंदी – कक्षा – 1 सत्र: 2023-24
👉🖱 आधारशिला क्रियान्वयन संदर्शिका – गणित – कक्षा – 1 सत्र: 2023-24
👉🖱 आधारशिला क्रियान्वयन संदर्शिका – हिंदी – कक्षा – 2 सत्र: 2023-24
👉🖱 आधारशिला क्रियान्वयन संदर्शिका – गणित – कक्षा – 2 सत्र: 2023-24
👉🖱 आधारशिला क्रियान्वयन संदर्शिका – हिंदी – कक्षा – 3 सत्र: 2023-24
👉🖱 आधारशिला क्रियान्वयन संदर्शिका – गणित – कक्षा – 3 सत्र: 2023-24
Weekly / Annual Tracker साप्ताहिक / वार्षिक ट्रैकर 2023-24
👉🖱 निपुण भारत साप्ताहिक / वार्षिक आकलन ट्रैकर / NIPUN Bharat Tracker 2023-24 Class 01
👉🖱 निपुण भारत साप्ताहिक / वार्षिक आकलन ट्रैकर / NIPUN Bharat Tracker 2023-24 Class 02
👉🖱 निपुण भारत साप्ताहिक / वार्षिक आकलन ट्रैकर / NIPUN Bharat Tracker 2023-24 Class 03
सहज पुस्तिका कक्षा- 1, 2, 3 / SAHAJ PUSTIKA CLASS 1, 2, 3
👉🖱 सहज पुस्तिका कक्षा- 1 / SAHAJ PUSTIKA CLASS 1
👉🖱 सहज पुस्तिका कक्षा- 2 / SAHAJ PUSTIKA CLASS 2
👉🖱 सहज पुस्तिका कक्षा- 3 / SAHAJ PUSTIKA CLASS 3
शिक्षक संदर्शिका 2023-24 कक्षा – 06, 07, 08
शिक्षक संदर्शिका हिंदी 2023-24 कक्षा – 06
शिक्षक संदर्शिका हिंदी 2023-24 कक्षा – 07
शिक्षक संदर्शिका हिंदी 2023-24 कक्षा – 08
Big Book ( प्रारंभिक कक्षाओं में उपयोग हेतु – बिग बुक )
👉🖱 बिग बुक: शेर की गुफा (Big Book: Sher Ki Gufa)
👉🖱 बिग बुक: मुर्गी के तीन चूजे (Big Book: Murgi Ke 3 Chuje )
👉🖱 बिग बुक: माँ और बच्चे (Big Book: Ma Aur Bachche)
👉🖱 बिग बुक: हाथी और बकरी (Big Book: Hathi Aur Bakari )
👉🖱 बिग बुक: चिड़िया (Big Book: Chidiya )
NIPUN Bharat Mission निपुण भारत मिशन
निपुण भारत मिशन… ✒ समझ और संख्यात्मकता के साथ पढ़ने में प्रवीणता के लिए राष्ट्रीय पहल ( निपुण भारत मिशन ) का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश में प्रत्येक बच्चा अनिवार्य रूप से 2026-27 तक ग्रेड 3 के अंत तक मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता प्राप्त कर ले।
यह मिशन समग्र शिक्षा की केंद्र प्रायोजित योजना के तत्वावधान में लॉन्च किया गया है। यह योजना स्कूली शिक्षा के मूलभूत वर्षों में बच्चों को स्कूल में बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करेगा। साथ ही, शिक्षक क्षमता निर्माण; छात्र और शिक्षक संसाधनों / शिक्षण सामग्री का विकास; और सीखने के परिणामों को प्राप्त करने में प्रत्येक बच्चे की प्रगति पर भी नज़र रखेगा ।
निपुण भारत मिशन के प्रमुख उद्देश्य:
- बच्चों को संख्या, माप और आकार के क्षेत्र में तर्क को समझाने के लिए; और उन्हें संख्यात्मकता और स्थानिक समझ कौशल के माध्यम से समस्या का समाधान कर सक्षम बनाना ।
- बच्चों की परिचित/घरेलू/मातृभाषा या भाषाओं में उच्च गुणवत्ता और सांस्कृतिक रूप शिक्षण सामग्री की उपलब्धता और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना ।
- शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों, शैक्षणिक संसाधन व्यक्तियों और शिक्षा प्रशासकों के निरंतर क्षमता निर्माण पर ध्यान देना |
- आजीवन सीखने की एक मजबूत नींव बनाने के लिए सभी हितधारकों अर्थात शिक्षकों, अभिभावकों, छात्रों और नीति निर्माताओं के साथ सक्रिय रूप से जुड़ना |
- पोर्टफोलियो, समूह और सहयोगात्मक कार्य, परियोजना कार्य, प्रश्नोत्तरी, रोल प्ले, खेल, मौखिक प्रस्तुतीकरण, लघु परीक्षण आदि के माध्यम से सीखने के लिए मूल्यांकन सुनिश्चित करना ।
- सभी छात्रों के सीखने के स्तर पर नज़र रखना |
- बच्चों को सतत पठन और लेखन कौशल की समझ के साथ प्रेरित करना, स्वतंत्र बनाना और लेखन शैली में सक्षम बनाना |
- खेल, खोज और गतिविधि-आधारित शिक्षाशास्त्र को शामिल करके, बच्चों को दैनिक जीवन स्थितियों से जोड़कर और बच्चों की घरेलू भाषाओं को औपचारिक रूप से शामिल करके कक्षा में समावेशी वातावरण सुनिश्चित करना।
स्कूल रेडिनेस व चहक कार्यक्रम:
चहक कार्यक्रम के बारे में…
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं निपुण भारत मिशन के अंतर्गत पूर्व प्राथमिक शिक्षा को मूलभूत साक्षरता के प्रथम सोपान के रूप चिन्हित किया गया है। निपुण भारत मिशन के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दिशा निर्देशक प्रत्ययों को लेते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि प्रत्येक बच्चा ( 05-06 वर्ष) एक वर्ष के बाल वाटिका कक्षा में गतिविधि आधारित भाषा एवं अंकीय दक्षता के पूर्व प्रत्ययों (Pre Concept) को सीख सकेगा। उक्त को ध्यान में रखते हुए एन०सी०ई०आर०टी द्वारा 12 सप्ताह के विद्या प्रवेश के रूप में गतिविधि आधारित शिक्षण प्रक्रिया कक्षा -1 में संचालित करने एवं बच्चों को औपचारिक शिक्षा हेतु तैयार करने पर जोर दिया गया है।
चहक कार्यक्रम का उद्देश्य…
चहक कार्यक्रम का उद्देश्य अभिभावकों का उन्मुखीकरण करना और उन्हें अपने विद्यालय में बच्चो का दाखिला करवाने के लिए प्रेरित करनाअभिभावकों को प्रेरित करना कि अब हमारे विद्यालय में वातावरण बच्चो के अनुकूल है और बच्चो के सिखाने के लिए हर एक संभव सामग्री मौजूद है। वर्ष 2023-24 में स्कूल रेडीनेस आधारित गतिविधि शिक्षण नवीन शैक्षिक सत्र में 10 अप्रैल 2023 से प्रारंभ किया जाना है। इस वर्ष प्रारंभिक 8 सप्ताह हेतु गतिविधि कलेण्डर एवं स्कूल रेडीनेस शिक्षक संदर्शिका मुद्रित कराकर समस्त प्राथमिक एवं कम्पोजिट विद्यालयों को उपलब्ध करायी जा रही है। अंतिम चार सप्ताह कक्षा 1 हेतु भाषा एवं गणित संदर्शिका के साथ समेकन के रूप में संचालित किया जाना है।
चहक गतिविधि: खेल-खेल में गिनती सीखना 👉
About Teacher’s Hand-books (शिक्षक हस्तपुस्तिकाएं)
📚 शिक्षण संग्रह (Compendium) – शिक्षक हस्तपुस्तिका:
इसमें आकर्षक विद्यालय परिसर, शिक्षण कौशल, शिक्षण योजना, लर्निंग आउटकम, पुस्तकालय का प्रयोग, प्रयोगशाला आदि जैसे शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले मुख्य करकों को सम्मिलित किया गया है। इसका उपयोग शिक्षक दैनिक कक्षा शिक्षण के नियोजन एवं क्रियान्वयन में कर सकते हैं। इस हस्त पुस्तिका के माध्यम से शिक्षकों की आवश्यकता एवं उनके कार्य क्षेत्र में आने वाली समस्याओं को ध्यान में रखकर उनके निराकरण करने का प्रयास किया गया है।
इस मॉड्यूल के अंतर्गत निम्नलिखित बिंदुओं को समावेश किया गया है,
- विद्यालय भवन व परिवेश को आकर्षक बनाने एवं सीखने में सहायक बनाना (Building as Learning Aid – BaLA)।
- रोचक एवं प्रभावी कक्षा शिक्षण के लिए भाषा, गणित, विज्ञान आदि विषयों से संबंधित शैक्षिक क्रियाकलाप, खेल गतिविधियां आदि।
- प्रातः कालीन व सायं कालीन सभा व सह शैक्षिक गतिविधियां ।
- विद्यालय समय सारणी।
- कक्षा में आईसीटी (Information and Communication Technology ) का प्रयोग।
- प्रभावी कक्षा शिक्षण की विस्तृत व्याख्या एवं विभिन्न उदाहरण ।
- विद्यालय एवं समुदाय का आपसी सहयोग।
- शिक्षकों की व्यवसायिक जानकारी/ दक्षता विकास हेतु उपयोगी वेबसाइट, लिंक, शैक्षिक साहित्य की सूची, हेल्पलाइन नंबर आदि का विवरण।
- सीखने का एवं सिखाने के लिए, आकलन।
शिक्षक अन्य विभागों से सहयोग एवं समन्वय से विद्यालय विकास एवं बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उक्त मॉड्यूल का अध्ययन करें।
📚 आधारशिला शिक्षण हस्त पुस्तिका – Foundation Learning Module:
प्रारंभिक कक्षाओं में कक्षा शिक्षण रुचिकर आनंदमई, जीवंत व प्रभावी बनाने के लिए शिक्षकों के उपयोग हेतु आधारशिला शिक्षण हस्त पुस्तिका का निर्माण किया गया है। जिसे शिक्षक अपने दैनिक कक्षा शिक्षण को रोचक व बाल केंद्रित बना सकते हैं इसमें प्रारंभिक स्तर पर कक्षा 1 व 2 में भाषा व गणित विषयों को किस प्रकार रोचक तरीकों में गतिविधि से शिक्षण कराया जाए ताकि इन विषयों पर बच्चों की समझ का विकास हो सके और उनकी मजबूत आधारशिला रखी जा सके, भाषा व गणितीय विकास के द्वारा बच्चों के व्यक्तित्व एवं भावी जीवन को उन्नत बनाया जा सके।
इस मॉडल के 6 भाग हैं।
भाग 1 : इसमें लर्निंग आउटकम की अवधारणा व इसके आवश्यकता की बारे में चर्चा की गई है।
भाग 2 : इस भाग में भाषा संबंधी लर्निंग आउटकम दिए गए हैं शिक्षकों के प्रयोग हेतु कुछ सुझाव व गतिविधियां भी दी हैं जिनकी सहायता से बच्चों में इन लर्निंग आउटकम को प्राप्त सुनिश्चित की जा सके।
भाग 3 : इस भाग में प्रारंभिक कक्षा में गणित के लर्निंग आउटकम व गणित की अवधारणा के बारे मे चर्चा की गई है।
भाग 4 : इसमें कक्षा 3 4 व 5 में भाषा गणित एवं परिवेश अध्ययन से संबंधित लर्निंग आउटकम तथा संबंधित दक्षता में कौशल के विकास के तरीके व गतिविधियों पर चर्चा की गई है।
भाग 5 : इस भाग में, आकलन क्या है ? इसकी समझ बनाने पर चर्चा कर बच्चों के व्यक्तिगत आकलन प्रपत्र पर भी चर्चा की गई है।
भाग 6 : इसमें कुछ परिशिष्ट दिए गए हैं जिसमें शैक्षिक बदलाव एवं स्वयं विकास की योजना के बारे में दिया गया है।
अतः सभी शिक्षक -शिक्षिकाएं प्राथमिक स्तर पर शिक्षण को प्रभावी बनाने के लिए उक्त मॉड्यूल का अवश्य अध्ययन करें।
📙🧘🏻♂ध्यानाकर्षण शिक्षक हस्त पुस्तिका – अधिगम आधारित शिक्षण शिक्षक हस्त पुस्तिका
प्राय देखा गया है कि एक ही कक्षा में सभी विद्यार्थियों का अधिगम स्तर समान नहीं होता कुछ बच्चे वांछित अधिगम स्तर से पीछे रह जाते हैं अर्थात वांछित अधिगम स्तर और वास्तविक अधिगम स्तर में अंतर हो जाता है जो लर्निंग गैप कहलाता है ।
लर्निंग गैप अधिक होने पर विद्यार्थी शिक्षण की मुख्यधारा से नहीं जुड़ पाते जिस कारण उनमें निराशा उत्पन्न होती है और उनके विद्यालय छोड़ने की संभावना बढ़ जाती है। लर्निंग गैप को कम करने व छात्रों में आत्मविश्वास लाने के लिए ध्यानाकर्षण शिक्षक हस्त पुस्तिका विकसित की गई है। लर्निंग गैप को कम करने के लिए सत्र के प्रारंभ में 50 दिवसीय ध्यानाकर्षण शिविर का आयोजन करने हेतु पुस्तिका में दिया गया है। जिससे बच्चे शिक्षण की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे।
ध्यानाकर्षण मॉड्यूल के चार भाग हैं।
भाग 1 : इसमें अधिगम आधारित शिक्षण की अवधारणा व इसकी आवश्यकता के बारे में चर्चा की गई है।
भाग 2 : इसमें लर्निंग आउटकम की अवधारणा तथा इसके सापेक्ष बच्चों की प्रगति के आकलन एवं आकलन संबंधी तरीकों पर विस्तार से चर्चा की गई है। बच्चों की लर्निंग गैप का कैसे पता लगाएं? इसके बारे में भी इसमें दिया है और ध्यानाकर्षण शिविर पर भी विस्तार से चर्चा की गई है।
भाग 3 : ध्यानाकर्षण शिक्षण हेतु आवश्यक अट्ठारह तकनीकों के बारे में चर्चा की गई है जिसमें प्रत्येक तकनीक को समझाते हुए व्यवहारिक उदाहरण देने का प्रयास किया गया है।
भाग 4 : इस भाग में परिशिष्ट के रूप में कुछ प्रश्न दिए हैं जिसका प्रयोग शिक्षक बच्चों की वर्तमान अधिगम स्तर के आकलन हेतु कर सकते हैं।
सभी शिक्षक शिक्षिकाएं बच्चों को शिक्षण की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ध्यानाकर्षण मॉड्यूल का अध्ययन करें उसमें दी गई शिक्षण की अट्ठारह तकनीकों को कक्षा शिक्षण में अपनाएं।
ध्यानाकर्षण मॉड्यूल में शिक्षण की कुल कितनी तकनीकों पर चर्चा की गई है ?
उत्तर : ध्यानाकर्षण मॉड्यूल में शिक्षण की कुल अट्ठारह (18) तकनीकों पर चर्चा की गई है।
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