Warren Hastings / वारेन हेस्टिंग्स
Warren Hastings / वारेन हेस्टिंग्स (१७७२–८५):
- १७५० में कम्पनी के writer के रूप में भारत आया था। १७७२ में बंगाल का गवर्नर बना।
- EIC की गतिविधियों को British Government के नियंत्रण में लाने के लिए ब्रिटिश संसद द्वारा Regulating Act –1773 पारित किया गया, जिसके तहत Warren Hastings को 1st Governor General of Bengal (१७७३ के रेगुलेटिंग एक्ट के तहत ही बंगाल के गवर्नर के पद नाम को बंगाल के गवर्नर जनरल के नाम से जाना जाने लगा) बनाया गया।
- बंगाल में द्वैद्ध शासन का अंत किया।
- एक राजस्व बोर्ड (Board of Revenue) की स्थापना की तथा राजस्व कर सुधार के लिए TRIAL AND ERROR की नीति अपनायी। मराठों से सुरक्षा के लिए राजकीय कोषागार एवं अपनी राजधानी को मुर्शिदाबाद से कलकत्ता स्थानांतरित किया।
- १७७४ का रोहिल्ला युद्ध हुआ।
- मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय की पेंशन बंद कर दी क्योंकि वह केवल नाम का ही शासक रह गया था उसके राज्य के बहुत से हिस्से पर मराठों का कब्जा हो गया था।
- कलकत्ता में एक Supreme Court और प्रत्येक जिले में दीवानी & फौजदारी अदालतों की स्थापना की इसी वजह से वॉरेन हेस्टिंग्स को भारत में न्यायिक सेवा का जन्म दाता कहा जाता हैं।
- इसी के शासनकाल में कलकत्ता में 1st Indian news paper २९ जनवरी १७८० को Bengal Gazette/ हिक्की गजट के नाम से प्रकाशित हुआ । यह अंग्रेजी भाषा का एक साप्ताहिक अख़बार था जिसके प्रकाशक जेम्स हिक्की थे। इसका प्रमुख उद्देश्य अंग्रेज़ी सरकार में व्याप्त राजनैतिक और वाणिज्यिक भ्रष्टाचार को उजागर करना था।
- Act of Settlement –1781(an amendment in Regulating Act–1773) पारित हुआ इसके माध्यम से Governor General की कौंसिल और Supreme Court के मध्य कार्यक्षेत्र का स्पष्ट रूप से विभाजन किया गया।
- वारेन हेस्टिंग्स की मदद से कलकत्ता में १७८१ आलिया मदरसा की स्थापना हुई, जिसमे अरबी और फारसी की शिक्षा दी जाती थी। जिसके प्रथम प्रमुख मुल्ला मुजदुद्दीन थे।
- मैसूर राज्य ( टीपू और हैदर अली ) और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ( सर आयरकूट और हेक्टर मुनरो ) के बीच द्वितीय आंग्ल मैसूर युद्ध ( १७८०-१७८४ ) हुआ। युद्ध का अंत १७८४ में मंगलौर की संधि से हुआ।
- १७७५ से १७८२ के बीच प्रथम आंग्ल मराठा युद्ध हुआ। इस युद्ध का अंत १७८२ में सालबाई की संधि से हुआ। इस युद्ध के दौरान १७७६ में पुरंदर की संधि हुई।
- Pits India Act-1784 पारित हुआ।
- १५ जनवरी १७८४ को ‘Asiatic Society of Bengal’ की स्थापना वारेन हेस्टिंग के सहयोग से विलियम जोन्स द्वारा की गई।
Asiatic Society of Bengal: एशियाटिक सोसाइटी ऑफ़ बंगाल की स्थापना का उद्देश्य भारतीय संस्कृति को समझना था । इस संस्था द्वारा कई भारतीय साहित्यिक पुस्तकों का इंग्लिश भाषा में अनुवाद किया गया। एशियाटिक सोसाइटी द्वारा अंग्रेजी भाषा में अनुवादित पहली पुस्तक श्रीमद्भागवत गीता थी, जिसका अनुवाद चार्ल्स विल्किंस द्वारा किया गया। अभिज्ञान शाकुंतलम् का अंग्रेजी अनुवाद सर विलियम जोन्स द्वारा किया गया। मनुस्मृति का अंग्रेजी अनुवाद Code of Gentoo’s Law के नाम से तथा हितोपदेश का भी अंग्रेजी अनुवाद किया गया। |
- ब्रिटेन वापस लौटने पर १७८८ में ‘हाउस आफ लॉर्ड्स’ में महानुभाव बर्क द्वारा वारेन हेस्टिंग पर महाभियोग चलाया गया। वारेन हेस्टिंग एकमात्र गर्वनर था, जिस पर महाभियोग का मुकदमा चलाया गया, लेकिन बाद में वह बरी हो गया। महाभियोग निम्नलिखित आधार पर चलाया गया था,
- हेस्टिंग्स ने कंपनी के सैनिकों इस्तेमाल रोहिलों के खिलाफ किया था जबकि रोहिलों ने कंपनी का कुछ नहीं बिगाड़ा था।
- हेस्टिंग में एक बंगाली जमींदार नंदकुमार को झूठे मुकदमे (अवध की बेगम का आरोप) में फंसा कर फाँसी की सजा दिलवा दी थी। आलोचकों ने इसे न्यायिक हत्या की संज्ञा दी।
- बनारस के राजा चैतसिंह के साथ अन्याय पूर्ण बर्ताव।