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उत्तर प्रदेश की जनजातियाँ (UP ki Janjatiyan)
- सर्वप्रथम 1967 में राज्य की पाँच जनजातियों ( थारू, बुक्सा, जौनसारी, भोटिया व राजी ) को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में भारत सरकार द्वारा सूचीबद्ध किया गया था, बाद में वर्ष 2003 में इसमें 10 और जनजातिय समूहों ( गोंड समूह, खरवार समूह, सहरिया, पहरिया, बैगा, पांखा/पानिका, अगरिया, पटारी, चेरो, भुइया/भुइंया ) को भी शामिल कर लिया गया।
- उत्तर प्रदेश पायी जाने वाली प्रमुख जनजातियाँ गोंड, खरवार, थारू, बुक्सा, माहीगीर, जौनसारी आदि है।
- वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार, भारत में निवास करने वाली अनुसूचित जनजातियों की कुल जनसंख्या का 1.09 % जनसंख्या उत्तर प्रदेश में निवास करती है जो कि उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या का 0. 6 % है।
- उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े जनजाति समूह में गोंड समूह > खरवार समूह > थारू समूह।
- वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार अनुसूचित जनजातियों की सर्वाधिक जनसंख्या वाले शीर्ष तीन जिले हैं – सोनभद्र > बलिया > देवरिया ।
- वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार अनुसूचित जनजातियों की सर्वाधिक प्रतिशतता वाले शीर्ष तीन जिले हैं – सोनभद्र (20.67 %) > ललितपुर > देवरिया।
- वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार अनुसूचित जनजातियों की वाले सबसे कम जनसंख्या एवं सबसे कम प्रतिशतता वाले शीर्ष तीन जिले हैं – बागपत (0.001%) < कन्नौज < बदायूं
- वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत का सबसे बड़ा आदिवासी समूह भील है। इनकी जनसंख्या भारत की कुल अनुसूचित जनजातीय आबादी का लगभग 38% हैं। ये मुख्यत: महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा आदि राज्यों में पाई जाती हैं।
खरवार / खैरवार
- निवास मुख्यत: सोनभद्र, इसके अलावा मिर्जापुर, देवरिया, बलिया एवं गाजीपुर आदि जिले।
- खरवार जनजाति की प्रमुख उपजातियां हैं सूरजवंशी, पटबंदी, दौलतबंदी, खेरी, राउत, मौगती, मोझयाली, गोजूँ, आर्मिया आदि।
- खरवार जनजाति का नृत्य करमा है।
- इनका मूल निवास झारखंड का पलामू क्षेत्र है।
- ये हिंदू धर्म को मानते हैं।
थारू
- उत्तर प्रदेश में थारू समूह के एकमात्र जनजाति ‘ थारू’ पाई जाती है।
- निवास तराई क्षेत्र – गोरखपुर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच तथा लखीमपुर आदि जिले।
- वंश ये किरात वंश से संबंधित हैं।
- थारू लोग हिंदू धर्म को मानते है।
- थारू जनजाति के लोग दीपावली को शोक के रूप में मनाते हैं।
- बजहर नामक पर्व थारू जनजाति द्वारा मनाया जाता है।
- शारीरिक बनावट- छोटा कद, चौड़ी मुखाकृति एवं त्वचा का रंग पीला।
- उनकी अर्थव्यवस्था कृषि प्रधान है तथा मुख्य भोजन चावल है।
- इनमें संयुक्त परिवार एवं मातृसत्तात्मक परिवार की प्रथा पाई जाती थी किन्तु अब इसमें भी बदलाव देखने को मिल रहा है।
- थारू जनजाति में बदला-विवाह की प्रचलित है।
- थारू जनजाति के लोगों को शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा लखीमपुर जनपद में एक महाविद्यालय की स्थापना की गई है।
बुक्सा या भोक्सा
- निवास स्थान – बिजनौर जिला।
- बुक्सा जनजाति पतवार / पटवार राजपूत घराने से संबंध रखती है। कुछ इतिहासकारों का मत है कि मराठों द्वारा भगाये जाने के बाद ये यहां, उत्तर प्रदेश के बिजनौर में आकर बसे थे।
- शारीरिक बनावट छोटा कद, आँखें छोटी, भारी पलके, चौड़ा चेहरा एवं नाक चपटी होती है।
- बुक्सा लोगों का मुख्य भोजन मछली व चावल है।
- यह लोग हिंदू धर्म को मानते हैं, काशीपुर की चामुंडा देवी इनकी सबसे बड़ी देवी मानी जाती हैं।
- हिंदू धर्म की भांति इनमें भी सामाजिक वर्गीकरण बुक्सा ब्राह्मण, बुक्सा क्षत्रिय, बुक्सा अहीर, बुक्सा नाई आदि होते हैं।
- इनमें बिरादरी पंचायत प्रमुख राजनीतिक संगठन है, जिसके सर्वोच्च अधिकारी को तखत कहा जाता है। अन्य मुख्य पद मुंसिफ, दरोगा और सिपाही है।
- बुक्सा जनजाति में विवाह एक अनुबंध मात्र होता है।
माहीगीर
- निवास – उत्तर प्रदेश का बिजनौर जिला
- धर्म यह लोग इस्लाम धर्म के अनुयायी हैं।
- उनकी अर्थव्यवस्था मछली पकड़ने पर आधारित है।
क्रम सं० | जनजातियाँ | निवास |
---|---|---|
1 | थारू | तराई क्षेत्र |
2 | बुक्सा | बिजनौर |
3 | जौनसारी | उत्तर प्रदेश के पुरोला क्षेत्र, उत्तराखंड (देहरादून) |
4 | भोटिया | उत्तराखंड (पिथौरागढ़, चंपावत, अल्मोड़ा, नैनीताल, टिहरी गढ़वाल) |
5 | राजी | सोनभद्र, उत्तराखंड (चंपावत, पिथौरागढ़) |
6 | गोंड समूह (धुरिया, नायक, ओझा, पथारी, राजगोण्ड) | महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर, बस्ती, गोरखपुर, देवरिया, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर, बलिया, गाजीपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र |
7 | खरवार समूह | देवरिया, बलिया, गाजीपुर, वाराणसी एवं सोनभद्र |
8 | सहरिया | ललितपुर |
9 | पहरिया | सोनभद्र |
10 | बैगा | सोनभद्र |
11 | पांखा / पानिका | सोनभद्र |
12 | अगरिया | सोनभद्र |
13 | पटारी | सोनभद्र |
14 | चेरो | सोनभद्र & वाराणसी |
15 | भुइया / भुइंया | सोनभद्र |
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी जनजाति कौन सी है?
उत्तर : उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी जनजाति गोंड समूह है।
उत्तर प्रदेश की जनजातियाँ Previous Year Questions
Q.1: निम्नलिखित में से कौन-सी जनजाति उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से संबंधित है? [UPPSC J 2015]
[A] इतनार
[B] थारू
[C] भील
[D] मुंडा
[B] थारू
Q.2: निम्न जनपदों में भोक्सा जनजाति कहाँ पाई जाती है [UPPSC Mains 2014]
[A] बिजनौर और आगरा में
[B] बहराइच और लखीमपुर में
[C] मिर्जापुर और सोनभद्र में
[D] ललितपुर और जालौन में
[A] बिजनौर और आगरा में
Q.3: निम्नलिखित में से कौन-सी अनुसूचित जनजाति उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में नहीं पाई जाती है? [UPPSC RO ARO 2021]
[A] चेरो
[B] गोंड
[C] खरवार
[D] सहरिया
[D] सहरिया
वाराणसी जिले में पाई जाने वाली जनजाति हैं- चेरो, गोंड, खरवार, धुरी ओझा, नायक, पथारी आदि।
Q.4: अगरिया, बेगा, भुइया अनुसूचित जनजातियाँ उत्तर प्रदेश के निम्नलिखित जिलों में से किसमें मुख्यत: निवास करती हैं ? [UPPSC BEO 2019]
[A] अंबेडकर नगर
[B] जालौन
[C] सोनभद्र
[D] ललितपुर
[C] सोनभद्र
Q.5: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के निम्नलिखित जनजातियों में से किस में युवागृह प्रथा प्रचलित है ? [UPPSC ACF RFO 2019]
[A] शौका
[B] राजी
[C] थारू
[D] भोटिया
[D] भोटिया
Q.6: उत्तर प्रदेश के निम्नलिखित जिलों में से कहां अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या सर्वाधिक है ? [UPPSC ACF RFO 2018]
[A] हरदोई
[B] सीतापुर
[C] उन्नाव
[D] कौशांबी
[B] सीतापुर
Q.7: निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म सही सुमेलित है?
[A] भोटिया – बाराबंकी
[B] भुक्सा – बिजनौर
[C] राजी – गोरखपुर
[D] थारू – बांदा
[B] भुक्सा – बिजनौर
राजी – उत्तराखंड
भोटिया गढ़वाल
Q.8: भारत सरकार द्वारा प्रदेश की 10 नई आदिवासी जनजातियों को अनुसूचित जनजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया – [UPPSC Pre 2010]
[A] 2004 में
[B] 2003 में
[C] 2002 में
[D] 2001 में
[B] 2003 में
Q.9: निम्नलिखित में से कौन-सी जनजाति बिजनौर जिले में निवास करती है ? [UPPSC Mains 2010]
[A] बैगा
[B] खरवार
[C] बोक्सा
[D] थारू
[C] बोक्सा
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