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Simon Commission

Simon Commission (साइमन कमीशन)

  • ८ नवंबर १९२७ को Sir John Simon की अध्यक्षता में एक ७ सदस्यीय दल ‘साइमन कमीशन’ का गठन हुआ जिसका उद्देश्य था, भारत में हुए संवैधानिक सुधारों ( गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट–1919) की समीक्षा करना।
  • इस कमीशन के सभी सदस्य अंग्रेज थे तथा एक सदस्य क्लिमेंट एटली थे जो बाद में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बने।
  • इस कमीशन में सभी अंग्रेज सदस्य होने के कारण INC ने इसका विरोध किया तथा इसे श्वेत कमीशन की संज्ञा दी।
  • मुस्लिम लीग, हिंदू महासभा तथा उदारवादियों (Liberals) ने भी इस कमीशन का विरोध किया।
Simon Commission

साइमन कमीशन (Simon Commission) के उद्देश्य:

  • भारत में हुए संवैधानिक सुधारों ( गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट–1919) की समीक्षा करना।
  • कमीशन को इस बात की जांच करनी थी कि क्या भारत इस लायक हो गया है कि यहां लोगों को संवैधानिक अधिकार दे दिए जाएं।

साइमन कमीशन के प्रमुख सुझाव:

(i) 1919 के गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट के द्वैध शासन की समाप्ति हो।
(ii) देश के लिए एक संघीय संविधान बने।
(iii) बर्मा को भारत से अलग किया जाए तथा सिंध अलग प्रांत बने।
(iv) अल्पसंख्यकों के हितों का ध्यान रखा जाए।
(v) आगे चलकर यही रिपोर्ट गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट–1935 का आधार बनी। इसमे डोमिनियन स्टेट औपनिवेशिक स्वराज की मांग नहीं मानी गई

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