हिंदी कक्षा- 5 पाठ: 4 सरिता (कविता)
Sarita Class 5 Hindi Solution
यह लघु सरिता का बहता जल। कितना शीतल, कितना निर्मल, हिमगिरि के हिम से निकल-निकल, यह विमल दूध- सा हिम का जल, कर-कर निनाद कल-कल,छल-छल, तन का चंचल मन का विह्वल। यह लघु सरिता का बहता जल।। ऊँचे शिखरों से उतर उतर, गिर- गिर गिरी की चट्टानों पर, कंकड़ - कंकड़ पैदल चलकर, दिन-भर, रजनी-भर, जीवन-भर, धोता वसुधा का अंतस्तल । यह लघु सरिता का बहता जल।। हिम के पत्थर वे पिघल-पिघल, बन गए धरा का वारि विमल, सुख पाता जिससे पथिक विकल, पी-पीकर अंजलि भर मृदु जल, नित जल कर भी कितना शीतल। यह लघु सरिता का बहता जल।। कितना कोमल, कितना वत्सल, रे जननी का वह अंतस्तल, जिसका यह शीतल करुणा जल, बहता रहता युग - युग अविरल, गंगा, यमुना, सरयू निर्मल। यह लघु सरिता का बहता जल।। - गोपाल सिंह ' नेपाली '
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गोपाल सिंह ‘ नेपाली’ का जन्म बिहार के चंपारण में सन् 1913 में हुआ था तथा मृत्यु सन् 1963 में हुई।इनका मूल नाम गोपाल बहादुर सिंह था। इनको प्रकृति से बहुत प्रेम था, जो इनकी रचनाओं में स्पष्ट रुप से झलकता है। उमंग, पंछी, नीलिमा, सावन, आदि इनकी की प्रमुख रचनाएँ हैं।
सरिता शब्दार्थ
शब्द | अर्थ |
---|---|
लघु | छोटा |
सरिता | नदी |
विमल | स्वच्छ, साफ |
निनाद | ध्वनि |
तन | शरीर |
विह्वल | व्याकुल |
वसुधा | पृथ्वी |
रजनी | रात |
अन्तस्तल | मन, हृदय, चित्त; मन का भीतरी तल या भीतरी तह |
करुणा | दया, नम्रता |
अविरल | निरन्तर, लगातार |
पाठ: 4 सरिता (कविता) का भावार्थ
पद्यांश – यह लघु सरिता, ………………………………..… का बहता जल॥
संदर्भ – ‘यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वाटिका’ के ‘सरिता’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता श्री गोपाल सिंह ‘नेपाली’ हैं।
प्रसंग – इस कविता में कवि ने नदी की विशेषताओं और प्रकृति का बड़ा ही मनोरम वर्णन किया है।
भावार्थ – कवि नदी की विशेषता का वर्णन कहता है कि इस छोटी नदी का बहता हुआ जल, बहुत अधिक ठंडा और बहुत साफ है। हिमालय पर्वत के बर्फ से निकल कर आने वाला नदी का यह जल, दूध के समान स्वच्छ और निर्मल है। छोटी नदी का यह जल, कल – कल और छल – छल की ध्वनि करते हुए ऐसे बह रहा है मानो इसका शरीर चंचल और मन व्याकुल है।
पद्यांश – ऊँचे शिखरों से ………………………………… का बहता जल॥
भावार्थ – यह जल पर्वत की ऊँची चोटियों से नीचे उतरकर पहाड़ की चट्टानों पर गिरता रहता है। दिन-रात और जीवनपर्यंत यह जल कंकड़-पत्थर में प्रवाहित होते हुए पृथ्वी का तल (हृदय) धोता रहता है। ऐसा है इस छोटी नदी का बहता हुआ जल।
हिम के पत्थर, ….…………………………… का बहता जल॥
भावार्थ – पर्वत के कठोर हिम से यह जल पिघल-पिघलकर पृथ्वी का सुन्दर जल बन गया। इस जल को थोड़ा पीकर रास्ता चलनेवाला पथिक (राहगीर) तृप्त हुआ (सुखी हुआ)। छोटी नदी का बहता हुआ पानी नित्य ताप सहकर भी अत्यंत शीतल है।
कितना कोमल …………………..……….. का बहता जल॥
भावार्थ – भारत माता का धरातल (हृदय) बहुत कोमल, जीवन रक्षक और पुत्रवत् स्नेह करनेवाला है। इसका यह शीतल जल तृप्त करनेवाला है। गंगा, यमुना, सरयू का यह स्वच्छ जल युग-युगांतर से लगातार प्रवाहित होता चला आ रहा है। यह छोटी सरिता का प्रवाहित जल है।
सरिता (Sarita) पाठ्य पुस्तक अभ्यास कार्य
प्रश्न १. बोध प्रश्न: उत्तर लिखिए
(क) सरिता का जल कहाँ से आता है?
उत्तर: सरिता का जल पर्वत की ऊँची बर्फीली चोटियों से आता है।
(ख) सरिता का जल रात-दिन बहते हुए कौन-सा कार्य करता है?
उत्तर: सरिता का जल रात-दिन बहते हुए धरती के अंतस्तल को धोने का कार्य करता है।
(ग) पथिक सरिता के जल से किस प्रकार सुख पाता है?
उत्तर: पथिक, अंजलि भर सरिता के शीतल जल को पीकर सुख पाता है।
(घ) कवि ने जननी के अन्तस्तल को कोमल क्यों कहा है?
उत्तर: कवि ने जननी के अंतस्तल को कोमल इसलिए कहा है क्योंकि धरती के अंतस्तल से ही शीतल और मीठा जल आता है।
सरिता के जल को ‘ तन का चंचल’ क्यों कहा गया है?
उत्तर: सरिता के जल को ‘ तन का चंचल’ इसलिए कहा गया है क्योंकि सरिता का जल पर्वत की ऊँची चोटियों से कल कल की ध्वनि करते हुए उछलता हुआ धरातल पर आता है।
प्रश्न 2. नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए –
उत्तर: पंक्तियों का भाव
(क) ‘तन का चंचल मन का विह्वल, यह लघु सरिता का बहता जल’
भावार्थ: छोटी नदी का जल बिना रुके लगातार बह रहा है, इसलिए इसे मन का व्याकुल और शरीर का चंचल कहा गया है।
(ख) “ दिन भर, रजनी भर, जीवन भर, धोता वसुधा का अन्तस्तल “
भावार्थ: नदी का बहता हुआ जल दिन और रात, पूरे समय धरती का भीतरी तल धो रहा है।
(ग) “नित जलकर भी कितना शीतल ’‘
भावार्थ: नदी का जल सूर्य का ताप सहन कर भी बहुत शीतल बना रहता है।
(घ) ‘बहता रहता युग-युग अविरल’
भावार्थ: नदी का जल युगों-युगों तक बिना रुके लगातार बहता रहता है।
प्रश्न 3. सोच – विचार : बताइए –
क्या कारण हैं – नदियों का जल उद्गम स्थल पर शुद्ध होता है जो आगे चलकर प्रदूषित हो जाता है ?
उत्तर: नदी का जल उद्गम स्थल पर शुद्ध होता है लेकिन आगे चलकर यह प्रदूषित हो जाता है क्योंकि इसमें विभिन्न नगरों से निकलने वाले गंदे नाले तथा कारखानों से बाहर निकला हुआ प्रदूषित जल भी इसने आकर मिल जाता है। क्योंकि लोग नदियों में अपने कपड़े तथा पशुओं को धोते है जिससे नदी का जल प्रदूषित हो जाता है।
प्रश्न 4. भाषा के रंग
(क) कल-कल, छल-छल समान ध्वनि के शब्द हैं, जिनका एक साथ दोहरा प्रयोग हुआ है। कविता में आए इस प्रकार के अन्य शब्द लिखिए।
उत्तर: कल-कल, छल-छल के समान ध्वनि के शब्द
निकल – निकल
कर – कर
उतर – उतर
पिघल – पिघल
कंकड़ – कंकड़
युग – युग
गिर – गिर
(ख) कविता की पंक्तियों के अंत में समान तुकवाले शब्द प्रयुक्त हैं; जैसे – विकल – निकल, जल-छल। इसी प्रकार समान तुकवाले शब्दों के जोड़े बनाओ।
उत्तर: तुकवाले शब्द
तन | मन |
पर | भर |
विमल | विकल |
पिघल | निकल |
जल | कल |
(ग) कविता में सरिता के जल के लिए अनेक विशेषण शब्दों का प्रयोग हुआ है, जैसे- शीतल, निर्मल आदि। ऐसे ही पाँच और विशेषण शब्दों को कविता से ढूँढकर लिखिए।
उत्तर: विमल, करुण, मृदु, कोमल, वत्सल, दूध – सा, चंचल।
(घ) दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए –
उत्तर: पर्यायवाची शब्द –
सरिता – नदी, तरंगिणी।
पर्वत – पहाड़, शैल।
जल – वारि, सलिल।
वसुधा – धरा, भूमि।
सरिता कार्यपुस्तिका हल ( Sarita Class 5 WORKBOOK SOLUTION )
- पंक्ति को पूरा कीजिए-
2. नीचे दिए गए शब्दों के अर्थ सरल भाषा में लिखिए –
शब्द | अर्थ |
---|---|
विह्वल | व्याकुल |
शीतल | ठंडा |
निर्मल | स्वच्छ |
सरिता | नदी |
रजनी | रात |
वसुधा | धरती |
अंजलि | दोनों हथेलियों को मिलाने से बना हुआ वह खाली स्थान या गड्ढा |
करूणा | दया |
3. नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
क) पी – पीकर अंजलि भर मृदु जल
ख) कितना कोमल, कितना वत्सल, रे जननी का वह अंतस्तल।
ग) गंगा, यमुना, सरयू, निर्मल, यह लघु सरिता का बहता जल।
4. दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए –
उत्तर: दो -दो पर्यायवाची शब्द –
जल – नीर, पानी
पर्वत – पहाड़, शिखर
वसुधा – जमीन, धरा
यमुना – कालिंदी, तनुजा
गंगा – देवनदी, भगीरथी
5. कविता में सरिता के ‘ जल’ के लिए अनेक विशेषणों का प्रयोग हुआ है। जैसे शीतल, निर्मल आदि। ऐसे ही जल के बारे में प्रयोग हुए विशेषण दर्शाने वाले शब्दों को कविता से ढूँढकर लिखिए –
शीतल, निर्मल, विमल, दूध-सा, विह्वल, चंचल, कोमल
6. नीचे दिए गए शब्दों के तुकांत शब्द लिखिए –
विकल | निकल |
तन | मन |
पीकर | सीकर |
बहता | कहता |
जिसका | उसका |
कंकड़ |
7. आपके आस-पास जो भी नदी है उसे नदी का नाम और उसके बारे में लिखिए –
हमारे आस पास गंगा नदी है। गंगा भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण नदी है। गंगा नदी का उद्गम उत्तराखंड में हिमालय के गंगोत्री हिमनद के गोमुख नामक स्थान से हुआ है। गंगा नदी देश की प्राकृतिक सम्पदा ही नहीं, जन-जन की भावनात्मक आस्था का आधार भी है। इतिहास में भी इसका बहुत महत्वपूर्ण स्थान रहा है। कई ऐतिहासिक शहर एवं राजधानी इस नदी के किनारे स्थित हैं जैसे कि कन्नौज, प्रयाग, इलाहबाद, वाराणसी, पटना, हाजीपुर, मुंगेर, भागलपुर, मुर्शिदाबाद, कोलकाता आदि।
8. समान ध्वनि के शब्द जो कविता में आए हैं उन्हें लिखिए –
कंकड़ – कंकड़, पिघल – पिघल, कल – कल, कर – कर, छल – छल, गिर – गिर, उतर – उतर, पिघल-पिघल, युग – युग
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