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Nehru Report

Nehru Report (नेहरू रिपोर्ट)

  • साइमन कमीशन के व्यापक विरोध के बाद भारत सचिव Lord Birkenhead ने भारतीय नेताओं को यह चुनौती दी कि वे सभी मिलकर अगर एक ऐसा संविधान तैयार करें जिससे सभी भारतीय सहमत हो तो ब्रिटिश गवर्नमेंट उस संविधान को लागू करने पर विचार करेगी। इसके उत्तर में १९२८ में INC द्वारा दिल्ली में सर्वदलीय सम्मेलन (All Party Conference) का आयोजन किया गया। जहां सर्वसम्मति से इसके लिए मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में 9 सदस्यीय समिति का गठन किया गया जिसके सदस्यों में जवाहरलाल नेहरू ( सचिव ) तथा सुभाष चंद्र बोस भी शामिल थे। २८ अगस्त १९२८ को इस समिति ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसे नेहरू रिपोर्ट के नाम से जाना गया।

नेहरू रिपोर्ट की प्रमुख सिफारिशें:

  • इस समिति की प्रमुख सिफारिशें थी,
    • (i) औपनिवेशिक स्वराज्य की मांग तुरंत मान ली जाए।
    • (ii) केंद्र में द्विसदनात्मक प्रणाली तथा देश में संघीय प्रणाली लागू हो।
    • (iii) केंद्र तथा प्रांतों के बीच शक्तियों का बंटवारा हो और अवशिष्ट शक्तियां केंद्र को मिले।
    • (iv) Communal Award को समाप्त किया जाए (इसी बात का मुस्लिम लीग ने विरोध किया था)।
    • (v) धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना हो तथा महिलाओं और पुरुषों को समान अधिकार दिए जाएं।

  • कांग्रेस तथा मुस्लिम लीग में विरोध होने के कारण यह रिपोर्ट अस्वीकार हो गई तथा जिन्ना ने अपनी 14 सूत्री मांग रखी।
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