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Montague Ghoshna / August Ghoshna

Montague Ghoshna / August Ghoshna

मोंटेग्यू घोषणा या अगस्त घोषणा-1917

भारत सचिव लॉर्ड मांटेग्यू द्वारा २० अगस्त १९१७ को ब्रिटेन की ‘हाउस ऑफ कॉमंस’ में एक प्रस्ताव पढ़ा, इसे ही मांटेग्यू घोषणा कहा गया। मोंटेग्यू ने इस लक्ष्य को “प्रशासन की हर शाखा में भारतीयों की बढ़ती संगति और ब्रिटिश साम्राज्य के एक अभिन्न अंग के रूप में भारत में जिम्मेदार सरकार की प्रगतिशील प्राप्ति की दृष्टि से स्वशासी संस्थानों के क्रमिक विकास” के रूप में परिभाषित किया।

  • मोंटेग्यू घोषणा की प्रमुख बाते:
    1. भारत में प्रशासन की हर शाखा में भारतीयों को अधिक प्रतिनिधित्व देने की बात कही गई थी।
    2. ब्रिटिश गवर्नमेंट का उद्देश्य भारत में ‘उत्तरदायी शासन की स्थापना करना’ है (हालाकि इसके लिए कोई समय सीमा निश्चित नहीं की गई)।

इस घोषणा से राष्ट्रवादियों को स्वशासन या होमरूल की मांग के संबंध में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुयी। मांटेग्यू घोषणा को उदारवादियों ने ‘भारत के मैग्नाकार्टा’ की संज्ञा दी।

तिलक ने मोंटेग्यू घोषणा को ‘सूर्यविहीन भोर’ के रूप में वर्णित किया।

इस घोषणा के बाद सितंबर 2017 में एनी बेसेंट को जेल से रिहा कर दिया गया तथा बाद में होमरूल आंदोलन समाप्त हो गया क्योंकि उनकी प्रमुख मांग ‘स्वशासन’ को सरकार ने अपनी नीतियों में शामिल कर लिया था।

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