Licensing Regulating Act-1823
Licensing Regulating Act-1823 / कुत्सित अनुज्ञप्ति अधिनियम
लाइसेंसिंग रेगुलेटिंग एक्ट-1823, लॉर्ड विलियम बेंटिक के कार्यकाल में जॉन ऐडम्स द्वारा लागू किया गया था। यह अधिनियम मुख्यतः भारतीय अखबारों के लिए था।
उद्देश्य: इस अधिनियम का प्रमुख उद्देश्य भारतीय भाषा में प्रकाशित होने वाले भारतीय अखबारों पर अंकुश लगाना था।
प्रावधान: इस एक्ट के प्रावधान के अनुसार,
प्रत्येक प्रकाशक को सरकार द्वारा लाइसेंस लेना पड़ता था। बिना पूर्व अनुमति के प्रेस की स्थापना करना या उसका उपयोग करना दंडनीय अपराध माना गया और दोषी को ₹400 का आर्थिक दंड देना पड़ता था या मजिस्ट्रेट को अधिकार था कि वह प्रेस को बंद (cease) कर सके।
मिरात–उल–अखबार इस नियम के तहत बंद होने वाला भारतीय अखबार था, जिसके प्रकाशक राजा राममोहन राय थे।