Environment and Ecology Important Facts ( पर्यावरण & पारिस्थितिकी के महत्वपूर्ण तथ्य )
- ECOLOGY शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किसने किया था – अर्नेस्ट हैकल ने Oikologie के नाम से।
- ” जीवधारियों के कार्बनिक और अकार्बनिक वातावरण और पारस्परिक संबंधों के अध्ययन को पारिस्थितिकी अथवा पारिस्थितिकी विज्ञान कहते हैं “ यह बताया – अर्नेस्ट हैकल ने।
- पारिस्थितिक तंत्र (Ecosystem) शब्द का प्रयोग सबसे पहले किया था – 1935 में आर्थर जी० टैन्सले ने ।
- पारिस्थितिकी अनुक्रमण (Ecological Succession) का सर्वप्रथम अध्ययन किया था – हुल्ट द्वारा।
- वह प्रजाति जिसका प्रभाव पारिस्थितिकी तंत्र या समुदाय पर क्रांतिकारी (Critical) व प्रभावकारी होता है- की – स्टोन प्रजाति (Key -stone species)।
- पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है – सूर्य का प्रकाश।
- पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में सही कथन है –
- पारिस्थितिकी तंत्र किसी निश्चित स्थान-समय इकाई के समस्त जीवो तथा भौतिक पर्यावरण का प्रतिनिधित्व करता है।
- यह एक कार्यशील इकाई है।
- इसकी अपनी उत्पादकता होती है।
- यह एक खुला तंत्र (Open System) होता है।
- यह जीवों का समुदाय और साथ ही वह पर्यावरण जिसमें जीव रहते हैं, उससे बना है।
- गहन पारिस्थितिकी (Deep Ecology) शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किया था – अर्नीज नेस ने ।
- पारिस्थितिकी पदछाप (Ecological Footprints) के माप की इकाई है – भूमंडलीय हेक्टेयर।
- एक मनुष्य के जीवन को पूर्ण रूप से धारणीय करने के लिए आवश्यक न्यूनतम भूमि को कहते हैं – पारिस्थितिकी पदछाप।
- अविवेकशील जीवन शैली जिसमें पारिस्थितिकी तंत्र के घटकों यथा – जल, ऊर्जा इत्यादि का आवश्यकता से अधिक दोहन किया जाता है, बढ़ा देती है – पदछाप के आकार को।
- स्थिर जल के आवास लैन्टिक आवास (Lentic Habitat) के अंतर्गत आते हैं, इनके उदाहरण हैं – आर्द्रभूमि, तालाब, झील, जलाशय एवं दलदल।
- बहते जल के आवास लोटिक (Lotic Habitat)आवास कहे जाते हैं, जैसे – नदी।
- मिलेनियम इकोसिस्टम एसेसमेंट’ पारिस्थितिक तंत्र की सेवाओं के प्रमुख वर्गों का वर्णन करता है – व्यवस्था, समर्थन, नियंत्रण, संरक्षण और सांस्कृतिक।
- किसी निश्चित क्षेत्र में प्राणियों की संख्या की सीमा, जिसे पर्यावरण समर्थन कर सकता है, कहलाता है – वहन क्षमता (Carrying Capacity)।
- बिना पर्यावरण के रुकावट के प्रजनन की क्षमता कहलाती है – जैविक विभव (Biotic Potential)
- Niche शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग ग्रिनेल्स ने किया ।
- पारिस्थितिकी नीशे (आला) की संकल्पना को प्रतिपादित किया था – ग्रिन्नेल ने ।
- Niche : किन्हीं भी दो प्रजातियों में बिल्कुल एक जैसा निकेत नहीं होता है।
- मनुष्य के लिए सर्वाधिक कार्यक्षम तापमान और आर्द्रता कितनी होती है – 25⁰C तापमान और 60% आर्द्रता।
- Enzyme क्रियाशीलता के लिए अनुकूलतम ताप है – 25 से 35 डिग्री सेंटीग्रेड।
- जेनेटिक इंजीनियरिंग अनुमोदन समिति का गठन किसके अंतर्गत किया गया – पर्यावरण संरक्षण अधिनियम-1986 के अंतर्गत।
- नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) का गठन किस अनुच्छेद के अंतर्गत किया गया था – अनुच्छेद 21 (जीवन जीने का अधिकार)।
- NGT की स्थापना भारत सरकार द्वारा कब की गई – 18 अक्टूबर 2010।
- वह नोबल गैस जो वायु में नहीं पायी जाती – रेडान।
- पृथ्वी के कार्बन चक्र में कार्बन डाइऑक्साइड जुड़ती है – श्वसन, जैव पदार्थों का अपक्षय तथा ज्वालामुखी क्रियाओं द्वारा।
- भारत में कृषि के पर्यावरण अनुकूल, दीर्घ स्थायी विकास के लिए जो रणनीति सर्वश्रेष्ठ है – मिश्र शस्यन, कार्बनिक खादें, नाइट्रोजन यौगिकीकरण, पौधे और कीट प्रतिरोध शस्य किस्में।
- वर्षा की मात्रा निर्भर करती है – वायुमंडल में नमी पर।
- पर्यावरण से अभिप्राय है – भूमि, जल, वायु, पेड़ – पौधों एवं जीव – जंतुओं का समूह जो हमारे चारों ओर अस्तित्व में है सामूहिक रूप से पर्यावरण कहलाता है।
- पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के अनुसार – ” पर्यावरण किसी जीव के चारों तरफ घिरे भौतिक एवं जैविक दशाएं एवं उनके साथ अंतः क्रिया को सम्मिलित करता है।”
- किसी पारिस्थितिक तंत्र (Ecosystem) में प्रमुख घटक होते हैं – जैविक (Biotic) तथा अजैविक (Abiotic) पदार्थ ।
- पारिस्थितिक तंत्र के घटक (Components of ecosystem):
- (A) जैविक घटक (Biotic factors):
- उत्पादक (Producer – Autotrophs ) : पौधे, कुछ जीवाणु और शैवाल
- उपभोक्ता (Consumers – Heterotrophs)
- अपघटनकर्ता (Decomposers – Saprotrophs)
- (B) अजैविक घटक (Abiotic factors):
- अकार्बनिक तत्व (Inorganic materials) : जैसे- ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन, फॉस्फोरस, कैल्सियम आदि।
- कार्बनिक तत्व (Organic materials) : जैसे- प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, ह्यूमस आदि।
- जलवायु (Climate) : जैसे- प्रकाश, तापक्रम, वर्षा आदि।
- ऊर्जा (Energy)
- वातावरण (Atmosphere)
- अक्षांश और ऊंचाई ( Latitude and Altitude)
- (A) जैविक घटक (Biotic factors):
- 👉🖱 पारिस्थितिकी में संगठन के स्तर (Levels of Organization in Ecology):
- पारिस्थितिक तंत्र के प्रकार: पारिस्थितिक तंत्र दो प्रकार के होते हैं-
- प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र (Natural Ecosystem): जैसे – वन, मरुस्थल, तालाब, टुण्ड्रा इत्यादि।
- कृत्रिम पारिस्थितिक तंत्र (Artificial Ecosystem): जैसे- बगीचा, फसल, पार्क इत्यादि।
- जैवीय और अजैवीय घटकों में संबंध स्थापित करते हैं – अपघटक (Decomposer)।
- ईकोटोन (Ecotone) : दो पारिस्थितिक तंत्रों के मध्य के संक्रमण क्षेत्र को ईकोटोन कहते हैं । उदाहरण: मैंग्रोव वन, घास के मैदान, एस्चुअरी, नदियों का किनारा ।
- सर्वाधिक स्थायी पारिस्थितिकी तंत्र है – महासागर।
- प्रकृति की कार्यात्मक इकाई (Functional Unit) के रूप में हम जानते है – पारिस्थितिकी तंत्र को ।
- सबसे बड़ा पारिस्थितिकी तंत्र है – महासागरीय पारिस्थितिक तंत्र।
- पारिस्थितिकी तंत्र में होता है – ऊर्जा का लाभ एवं खनिजों की हानि।
- पारिस्थितिक तंत्र का उत्पादकता क्रम ( घटते हुए क्रम में ) :
- उष्णकटिबंधीय वर्षा वन (सर्वाधिक उत्पादकता) > ज्वारनदमुख > शीतोष्ण कटिबंधीय वन > सवाना क्षेत्र > कृषि क्षेत्र > घास स्थल > टुंड्रा एवं अल्पाइन > रेगिस्तानी क्षेत्र (सबसे कम उत्पादकता)
- परितंत्रों की घटती उत्पादकता के क्रम में जो अनुक्रम सही है – मैंग्रोव > घास स्थल > झील > महासागर।
- एक साधारण समुद्री आहार श्रृंखला का सही क्रम है-
- डायटम (स्वपोषी) → क्रस्टेशियाई (शाकाहारी उपभोक्ता) → हेरिंग (मांसाहारी उपभोक्ता)।
- अधिक विविधता वाले पारितंत्र की उत्पादकता भी अधिक होगी।
- 👉🖱 एक पारिस्थितिक तंत्र में पोषण स्तर (Trophic level) : खाद्य श्रृंखला (Food Chain)
- एक आहार श्रृंखला में कितनी कड़ीयां होती हैं – ४
- (i). Producers (Autotrophs)
- (ii) Primary consumers – (Heterotrophs) – शाकाहारी
- (iii) Secondary Consumers (Heterotrophs)
- (iv) Tertiary consumers (Heterotrophs)
- उत्पादक (Producer – स्वपोषी): सभी हरे पौधे और फाइटोप्लांकटन शामिल।
- उपभोक्ता (Consumer – परपोषी): अपना भोजन उत्पादक अथवा उपभोक्ताओं से प्राप्त करते हैं । शाकाहारी, मांसाहारी एवं सर्वाहारी प्रकार के होते हैं।
- अपघटनकर्ता (Decomposer): Converts Inorganic Materials to Organic Materials.
- अपघटक (Decomposer) तथा प्राथमिक उपभोक्ता दोनों की श्रेणी में आती है -चींटी।
- सूक्ष्म जीवों की एक विस्तृत किस्म जैसे फफूंद, जीवाणु, गोलकृमि, प्रोटोजोआ और केंचुआ भूमिका अदा करते हैं -अपघटकों की।
- स्वपोषी ( स्वपोषणज) स्तर पर उत्पादन को कहा जाता है – प्राथमिक उत्पादकता (Primary Productivity)।
- परपोषी ( विषम पोषणज) स्तर के उत्पादन को कहा जाता है – द्वितीयक उत्पादकता (Secondary Productivity)।
- उपभोक्ता स्तर पर संग्रहित ऊर्जा को कहते हैं – द्वितीय उत्पादकता (Secondary Productivity)।
- जैविक साम्यता (Biological Equilibrium) स्थापित होती है- उत्पादक, उपभोक्ता एवं अपघटक द्वारा।
- Figure👉🖱 पारिस्थितिक पिरैमिड (Ecological Pyramid) : (i) संख्या (Number) का पिरैमिड (ii) जैव मात्रा (Biomass) का पिरैमिड (iii) ऊर्जा (Energy) का पिरैमिड
- पारिस्थितिक पिरैमिड (Ecological Pyramid):
- संख्या का पिरैमिड (Pyramid of Number):
- यह उत्पादकों एवं उपभोक्ताओं की के संबंध को दर्शाता है।
- यह उल्टा (पेड़ के परितंत्र का पिरैमिड), सीधा (फसल एवं घास के मैदान की पारिस्थितिक तंत्र पिरैमिड) दोनों होता है।
- जैव मात्रा का पिरैमिड (Pyramid of Biomass) :
- यह उत्पादकों एवं उपभोक्ताओं के भार (जैव मात्रा) के संबंध को दर्शाता है।
- यह उल्टा (तलाब या समुद्र के पारिस्थितिक तंत्र पिरैमिड), सीधा (वन एवं घास के मैदान की पारिस्थितिक तंत्र पिरैमिड) दोनों होता है।
- समुद्र में जैव मात्रा (Biomass) का पिरामिड सामान्यत: उल्टा होता है, क्योंकि मछलियों का बायोमास फाइटोप्लांकटन से कहीं अधिक होता है।
- ऊर्जा का पिरैमिड ( Pyramid of Energy):
- पारिस्थितिक तंत्र के विभिन्न पोषण स्तरों के जीव धारियों द्वारा प्रयोग में लाई जा रही उर्जा की संपूर्ण मात्रा का बोध कराता है।
- ऊर्जा का पिरामिड हमेशा सीधा (upright) होता है, इसे कभी उल्टा नहीं किया जा सकता, क्योंकि जब ऊर्जा एक विशेष पोषिय स्तर से अगले पोषिय स्तर तक प्रवाहित होती है, प्रत्येक चरण पर कुछ ऊर्जा हमेशा ऊष्मा के रूप में नष्ट हो जाती है।
- खाद्य श्रृंखला में ऊर्जा का प्रवाह हमेशा एक दिशीय होता है।
- ऊर्जा पिरामिड की अवधारणा से हम जैविक आवर्धन ( Biological Magnification) की घटना को समझ सकते है।
- संख्या का पिरैमिड (Pyramid of Number):
- जनसंख्या घनत्व अथवा समष्टि घनत्व Population Density) = कुल जनसंख्या / क्षेत्रफल
- 👉🖱 Age Pyramids for Human Population
- 👉🖱 समष्टि वृद्धि अथवा जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करने वाले कारक –
- जन्म दर (Natality)
- मृत्यु दर (Mortality)
- आप्रवासन (Immigration)
- उत्प्रवासन (Emigration)
- .विभिन्न पोषण स्तर पर प्रदूषक (Pollutants at various Trophic level):
- जैव संचय (Bioaccumulation) : पर्यावरण से उत्पादक (first organism of food chain) तक प्रदूषकों की सांद्रता (concentration) में वृद्धि।
- जैव आवर्धन (Biomagnification): एक पोषिय स्तर से दूसरे पोषिय स्तर (one trophic level to another trophic level like producers to primary consumers and so on) पर जाने पर प्रदूषकों की सान्द्रता (Concentration of Pollutants) में बढ़ने की की प्रवृत्ति।
- 👉🖱 समष्टियों की पारस्परिक क्रिया (Population Interactions / Biotic Interactions)
- स्पर्धा प्रभाव डालती है- आबादी घनत्व, उत्पादन क्षमता एवं समुदाय विकास पर।
- उत्पादकता (Productivity): जैव मात्रा के उत्पादन की दर को उत्पादकता कहते हैं। Unit: ( K Cal m-2) yr-1
- NPP = GPP – R
- GPP सकल प्राथमिक उत्पादकता (Gross Primary Productivity)
- NPP नेट प्राथमिक उत्पादकता Net Primary Productivity)
- R – श्वसन (Respiration) के दौरान हुई क्षति
- NPP = GPP – R
- NPP, परपोषितों ( Heterotrophs = Herbiviores & Decomposers ) के लिए उपलब्ध जैव मात्रा (Biomass) होती है।
- विश्व में सर्वाधिक नेट प्राथमिक उत्पादकता (NPP) कहां पाई जाती है- उष्ण कटिबंधीय वर्षा वनों में।
- विश्व के संपूर्ण क्षेत्रफल का नेट प्राथमिक उत्पादन (NPP) कितना है – 155.5 * 109 टन प्रतिवर्ष।
- वह पोषण चक्र जो सूर्य के प्रकाश से सीधे प्रभावित होता है – कार्बन चक्र (Carbon Cycle)।
- बच्चों में ‘ ब्लू बेबी सिंड्रोम ‘ (Blue Baby Syndrome) नामक रोग होता है- नाइट्रेट की अधिकता के कारण ।
- पौधे की जड़ों द्वारा फास्फोरस किस रूप में ग्रहण किया जाता है- ऑर्थोफॉस्फेट।
- वह पोषक चक्र जो पत्थरों के अपक्षय से प्रभावित होता है – फास्फोरस चक्र (Phosphorus Cycle)।
- पारिस्थितिकी तंत्र में अवयवों के चक्रण (Cycle) को कहा जाता है- जैव भू – रासायनिक चक्र (Bio Geo-Chemical Cycle)।
- छः मौलिक जैविक तत्व है – C, H, O, N, S, P
- पारिस्थितिक तंत्र का गतिक हृदय कहलाता है – ऊर्जा प्रवाह एवं भू- जैव रासायनिक चक्र।
- नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Nitrogen fixation):
- नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणु (Nitrogen-fixing Bacteria): Rhizobium (formerly Agrobacterium) Azotobacter, Bacillus, Clostridium, and Klebsiella आदि।
- नाइट्रोजन स्थिरीकरण शैवाल (Nitrogen-fixing Algae ): Nostoc, नील हरित शैवाल (Blue green algae – Anabaena, Spirulina) and Oscillatoria आदि।
- नाइट्रोजन स्थिरीकरण फर्न (Nitrogen-fixing Fern – plant reproduce via spores): Azolla भी नाइट्रोजन स्थिरीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- Atmospheric Nitrogen (N2) —–[by Azotobacter/Clostridium/Rhizobium/Anabaena/Spirulina]——-> Ammonium ions (NH4+ : taken up by some plants)
- Ammonium ions (NH4+) ———- [Nitrosomonas] —————–> Nitrite ——– [by Nitrobactor] ———-> Nitrate (NO3–) ——- [by taken up by most Plants]———-> Amino acids
- De-nitrification : Nitrite/Nitrate ——-[Denitrifying bacteria like pseudomonas]———> Atmospheric Nitrogen (N2)
- अधिकतम प्रकाश संश्लेषण होता है- डायएटम्स और डायनो फ्लैजिलेट्स में।
- 10% का नियम देने वाले वैज्ञानिक हैं- लिंडेमान।
- 10% का नियम : प्रत्येक पोषण स्तर पर 90% ऊर्जा जैविक क्रियाओं में उपयोग कर ली जाती है तथा शेष 10% ऊर्जा अगले पोषण स्तर में भेजी जाती है।
- धारणीय व स्थायी विकास (Sustainable Development) की अवधारणा का सर्वप्रथम प्रतिपादन किया – ब्रटलैंड ने
- विकास की अवधारणा जिसके तहत वर्तमान की आवश्यकता है के साथ-साथ भविष्य की आवश्यकताओं का भी ध्यान रखा जाता है – धारणीय विकास (Sustainable Development) कहलाता है।
- धारणीय विकास के उपयोग के संदर्भ में अंतर – पीढ़ीगत संवेदनशीलता का विषय है – प्राकृतिक संसाधन (Natural Resources) ।
- संयुक्त राष्ट्र संघ ने कितने सतत विकास लक्ष्यों (Suatainable Development Goals – SDG’s) का निर्धारण किया है – १७ लक्ष्य।
- वे संसाधन जो हमें प्रकृति द्वारा प्रदत होते हैं, कहलाते हैं – प्राकृतिक पूंजी अथवा प्राकृतिक संसाधन।
- सतत विकास के लिए आवश्यक है – जैविक विविधता का संरक्षण, प्रदूषण का निरोध एवं नियंत्रण तथा निर्धनता को घटाना ।
- धारणीय विकास की दृष्टि से विद्युत उत्पादन का सबसे अच्छा स्रोत है- जलविद्युत
- धारणीय विकास संबंध रखता है – नव नियतिवाद अवधारणा से।
- सतत/स्थायी विकास शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किसने किया था- IUCN ने
- IUCN सूची के मुख्य लाभ क्या है – स्थानीय स्तर पर संरक्षण कार्यों का निर्देशन।
- रेड डाटा बुक किससे संबंधित है- विलुप्त होने वाली प्रजातियों की सूची से।
- किसी प्रजाति को विलुप्त कब माना जाता है – जब वह अपने प्राकृतिक आवास में 50 वर्ष से न देखी गयी हो।
- मरुस्थल (Deserts) प्रतिनिधित्व करते हैं – वृष्टि छाया क्षेत्र (Rain shadow area) का।
- पृथ्वी पर अधिकांश ऑक्सीजन उत्पादित होती है – शैवालों से।
- किसी जल निकाय में घनत्व प्रवणता को दर्शाती है -पिक्नोक्लाइन।
- किसी जल निकाय में लवणता प्रवणता को प्रदर्शित करती है -हैलोक्लाइन।
- किसी जल निकाय में गहराई के साथ तापमान परिवर्तन को दर्शाती है -थर्मोक्लाइन।
- पारितंत्र उत्पादकता के संदर्भ में समुद्री उत्प्रवाह (अपवेलिंग) क्षेत्र इसलिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये समुद्री उत्पादकता बढ़ाते हैं -पोषकों को सतह पर लाकर
- वायु प्रवाह द्वारा समुद्र की सतह पर विद्यमान गर्म, पोषकरहित जल को सघन, ठण्डे तथा पोषक तत्वों से परिपूर्ण जल द्वारा स्थानांतरित कर दिया जाता है -समुद्री उत्प्रवाह द्वारा।
- पारिस्थितिक संवेदी क्षेत्रों में कृषि को छोड़कर सभी मानव क्रियाओं का निषेध नहीं है, बल्कि कुछ पर प्रतिबंध लगाया गया है और कुछ को किया गया है -विनियमित
- घासस्थलों में वृक्ष पारिस्थितिक अनुक्रमण के अंश के रूप में जिस कारण घासों को प्रतिस्थापित नहीं करते हैं, वह है -जल की सीमाओं एवं आग के कारण।
- भौतिक वातारण में किसी समुदाय का समय के साथ रूपांतरण ही कहलाता है -पारिस्थितिक अनुक्रमण
- जैविक अनुक्रमण की प्रावस्थाओं का सही क्रम है -नग्नीकरण, प्रवास, आस्थापन, प्रतिक्रिया, स्थिरीकरण
- वर्ष 1916 में पौधों की विभिन्न प्रजातियों का अध्ययन किया तथा अनुक्रमण (Succession) की सर्वमान्य परिभाषा दी -एफ. क्लिमेंट (E. Clement) ने
- वह प्राकृतिक विधि जिसके अंतर्गत एक ही निहित तथा निश्चित स्थान पर एक विशेष समूह, दूसरे समूह द्वारा विस्थापित हो जाता है। -अनुक्रमण।
- भारत के 18 जैवमंडलीय आरक्षित क्षेत्रों में से कितने तथा किन- किनको UNESCO द्वारा विश्व जैव मंडल रिजर्व की सूची में मान्यता दी गई है- 11 को नीलगिरी, मन्नार की खाड़ी, सुंदरवन, नंदा देवी, पंचमढ़ी सिमलीपाल, नोकरेक, अमरकंटक अगस्त्य माला, ग्रेट निकोबार और कंचनजंगा को।
- कृत्रिम क्रीम हाउस द्वारा वनस्पतियों का संरक्षण किस विधि के अंतर्गत आता है – Ex-Situ conservation
- भारत में अवनालिका अपरदन से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र है – मालवा पठार।
- भारत में सर्वाधिक अवनालिका अपरदन करने वाली नदी – चंबल नदी।
- क्लोरोफिल निर्माण के लिए आवश्यक तत्व है – मैग्नीशियम ।
- वाष्पोत्सर्जन क्रिया के लिए आवश्यक तत्व – पोटैशियम ।
- जलाक्रांत मृदा में किस प्रकार की वनस्पति मिलती है – मैंग्रोव।
- पौधों पर पड़ने वाले सूर्य के प्रकाश का – 83% अवशोषण (Absorption), 12% परावर्तन (Reflection) एवं 5% (Transmission) होता है।
- पौधों द्वारा अवशोषित किए गए प्रकाश (83%) में से केवल 4% भाग ही प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) के काम में आता है बाकी 79% भाग वातावरण में विसरित (Diffusion) हो जाता है।
- प्रकाश संश्लेषण में विकिरण ऊर्जा (Radiation Energy) का रासायनिक ऊर्जा (Chemical Energy) में परिवर्तन होता है।
- प्रकाश संश्लेषण में सहायक रंग – जब किसी पौधे पर एकवर्णी प्रकाश (Monochromatic Light) डाला जाता है तो नीले प्रकाश का सर्वाधिक अवशोषण (Absorption) होता है, लेकिन लाल प्रकाश में प्रकाश संश्लेषण की दर (Rate of Photosynthesis) सबसे अधिक होती है।
- वाष्पोत्सर्जन रंध्र (Stomata) का खुलना बंद होना निर्भर करता है – प्रकाश की तीव्रता पर।
- चूना युक्त मृदा में उगने वाले पौधे – कैल्सी कॉल्स
- परपोषित पौधे ( Heterotrophic plants – Haustorium found)
- परजीवी पौधे ( Parasitic plants) :
- पूर्ण मूल परजीवी (Total root parasite) : ओरोबेंकी और रेफ्लीसिया
- आंशिक मूल परजीवी (Partial root parasite) : चंदन
- पूर्ण स्तंभ परजीवी (Total stem parasite) : अमरबेल
- आंशिक स्तंभ परजीवी (Partial stem parasite) : विस्कस एल्बम एवं लोरेंथस
- मृतोपजीवी पादप (Saprophytic Plants – Mycorrhiza found in roots) : यीस्ट (Yeast), म्यूकर, राइजोपस (Rhizopus), पेनिसिलियम (Penicillium), कुकुरमुत्ता, मोनोट्रोपा इत्यादि।
- कीटभक्षी या मांसाहारी पौधे (Insectivorous Plants – found in nitrogen deficient plant): ड्रोसेरा, नेपेंथीज (घटपर्णी), डायोनिया (वीनस फ्लाईट्रैप), यूट्रीकुलेरिया (floats on water surface)।
- सहजीवी पौधे (Symbionts): लाइकेन (Lichen) = कवक (Fungus) + शैवाल (Algae)
- परजीवी पौधे ( Parasitic plants) :
- प्रकाश द्वारा पौधे के किस हार्मोन को नियंत्रित किया जा सकता है – ऑक्सिन (Auxin)।
- दीर्घ दीप्ति कालिक (Long day plant) पौधे हैं – पालक, गेहूँ, जौ, गुलाब इत्यादि।
- अल्प दीप्ति कालिक (Short day plant) पौधे हैं – सोयाबीन, जैंथियम, तम्बाकू इत्यादि।
- प्रकाश उदासीन (Day Neutral Plants) पौधे हैं – टमाटर, मिर्च, कपास, सूरजमुखी आदि।।
- प्रकाश संश्लेषण क्रिया में जल का ऑक्सीकरण (Oxidation) होता है।
- नाइट्रोजन का उपयोग कर पौधे प्रोटीन संश्लेषण (Protein Synthesis) एवं न्यूक्लिक अम्ल (Nueclic Acid) का निर्माण करते हैं।
- मृदा संगठन
- ह्यूमस तथा कार्बनिक पदार्थ 5 – 10%
- खनिज पदार्थ 40 – 45%
- मृदा जल – 25%
- वायु – 25%
- उष्णकटिबंधीय (Tropical Soil) में कार्बनिक पदार्थ (Humus) की मात्रा कम होती है।
- सर्वाधिक कार्बनिक पदार्थ पाए जाते हैं – पीट मृदा में ।
- पौधों के लिए सभी पोषक तत्वों से युक्त कार्बनिक पदार्थ है – ह्यूमस।
- मृदा में पाये जाने वाले जीव है – जीवाणु, कवक, शैवाल, केंचुआ, घोंघा, मेंढ़क, कीड़े आदि।
- प्रदूषण कम करने का से प्रभाव का कार्य तरीका 4R’s : (i) Refuse (ii) Reuse (iii) Recycle (iv) Reduce
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
सबसे बड़ा पारिस्थितिकी तंत्र कौन है?
उत्तर : महासागरीय पारिस्थितिक तंत्र।
पौधों में क्लोरोफिल निर्माण के लिए आवश्यक तत्व कौन सा है ?
उत्तर: क्लोरोफिल निर्माण के लिए आवश्यक तत्व – मैग्नीशियम ।
10% का नियम किसने दिया था?
उत्तर: 10% का नियम देने वाले वैज्ञानिक हैं- लिंडेमान।
बच्चों में Blue Baby Syndrome क्यो होता है?
उत्तर: बच्चों में ‘ ब्लू बेबी सिंड्रोम ‘ (Blue Baby Syndrome) नामक रोग नाइट्रेट (Nitrate) की अधिकता के कारण होता है ।
ईकोटोन (Ecotone) क्या होता है?
उत्तर: दो पारिस्थितिक तंत्रों के मध्य के संक्रमण क्षेत्र को ईकोटोन कहते हैं । उदाहरण: मैंग्रोव वन, घास के मैदान, एस्चुअरी, नदियों का किनारा ।
Table of Contents
4 basic Conservation Law Additive nature of charge Applications of concept of Accuracy and Precision Applications of Dimensional Analysis Class 5 Maths Combination of Error Conservation of charge Constant Error Detection and measurement of charge: Gold-leaf electroscope Determine the value of the Planck's constant Difference between Accuracy and Precision Ecological Pyramid Electric Charge Electromagnetic Spectrum Electron Emission Electrostatics EM Waves Test Paper Examples of Force in Daily Life Fundamental Forces in Nature Graph between momentum and velocity Hindi grammar Hindi Vyakaran Notes Inertia Instrumental Error Least Count Error Levels of Organization in Ecology limitations of dimensional analysis Measurement of Errors Momentum Nitrogen Fixation Physics Principle of Homogeneity Properties of Electric Charge Quantization of charge quiz Reductionism Relation between Kinetic energy and momentum RO/ARO Hindi Vyakaran Syllabus Systematic Errors Transverse Nature of Electromagnetic Waves Types of Error Unification UP Special GK पर्यावरण और पारिस्थितिकी पर्यावरण के घटक (Components of Environment)
Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts ,
Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts ,
Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts , Environment and Ecology Important Facts ,