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Doctrine of Subsidiary Alliance / सहायक संधि

संभवतः सहायक संधि प्रस्ताव को शुरू करने वाला प्रथम व्यक्ति फ्रांसीसी गवर्नर डुप्ले था, जिसने भारतीय नरेशों को धन के बदले अपने सैनिकों को किराये पर देने की प्रथा चलायी। बाद में क्लाइव एवं कार्नवालिस ने भी डूप्ले की इस नीति को अपनाया। किंतु लॉर्ड वेल्जली ने १७९८ ई० में इसे सुनिश्चित एवं व्यापक स्वरूप प्रदान किया। ।

लॉर्ड वेलेजली की सहायक संधि प्रणाली:

लॉर्ड वेलेजली घोर साम्राज्यवादी था, उसने भारतीय राज्यों को अंग्रेजी राजनीतिक परिधि में लाने के उद्देश्य से सहायक संधि प्रस्ताव (Doctrine of Subsidiary Alliance) लागू किया। लॉर्ड वेलेजली ने डुप्ले की सहायक संधि प्रणाली में कुछ सुधार कर इसे व्यापक रूप में लागू किया, जिसे हम लॉर्ड वेलेजली की सहायक संधि प्रणाली के नाम से जानते है।

सहायक संधि प्रणाली के प्रस्ताव:

  • सहायक संधि प्रणाली के प्रस्ताव को स्वीकार करने वाले राज्य की सुरक्षा की जिम्मेदारी ब्रिटिश सरकार की थी।
  • सहायक संधि प्रणाली के प्रस्ताव को स्वीकार करने वाले राज्यों को अपने क्षेत्र में अपने ही खर्चे पर एक सहायक सेना रखनी होती थी।
  • सहायक संधि प्रणाली के प्रस्ताव को स्वीकार करने वाले राज्यों की विदेश नीति तथा स्वतंत्रता अंग्रेजों के हाथों में चली जाती थी।
  • सहायक संधि प्रणाली के प्रस्ताव को स्वीकार करने वाले राज्यों को एक ब्रिटिश रेजिडेंट अपने दरबार में रखना होता था।
  • ब्रिटिश सरकार राज्य के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगी ऐसा वचन दिया था।

Doctrine of Subsidiary Alliance / सहायक संधि प्रणाली के उद्देश्य:

  • भारतीय राज्यों को अंग्रेजी राजनीतिक परिधि में लाना।
  • भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की श्रेष्ठता स्थापित करना तथा फ्रांसीसीयों के आक्रमण के भय को समाप्त करना।

सहायक संधि प्रणाली को लागू करने का कारण:

फ्रांसीसी क्रांति (1789– नेपोलियन के समय) के बाद ब्रिटेन के साथ-साथ भारत पर भी फ्रांसीसीयों के आक्रमण का भय बना हुआ था। टीपू सुल्तान ने नेपोलियन से मदद मांग कर इस आशंका को और अधिक बल प्रदान किया। भारत में ब्रिटिश साम्राज्य को और अधिक मजबूत बनाने के लिए इस संधि को लागू किया गया।

Doctrine of Subsidiary Alliance / सहायक संधि प्रणाली को स्वीकार करने वाले राज्य:

  • H हैदराबाद १७९८
  • M मैसूर १७९९
  • T तंजौर १७९९
  • A अवध १८०१
  • P पेशवा १८०२
  • B बरार के भोंसले १८०३
  • S सिंधिया १८०४
  • अन्य राज्य जोधपुर, जयपुर, मच्छेरी, बूंदी तथा भरतपुर।
  • Trick to remember order: HMT APBS

Other important facts about Doctrine of Subsidiary Alliance / सहायक संधि

  • वेलेजली की सहायक संधि प्रणाली को स्वीकार करने वाला प्रथम मराठा सरदार पेशवा बाजीराव द्वितीय था।
  • वेलेजली की सहायक संधि प्रणाली को स्वीकार करने वाले मराठों का क्रम इस प्रकार है – पेशवा → भोंसले → सिंधिया
  • इंदौर के होल्कर ने सहायक संधि का प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया था।
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