Concise story of development of Indian Constitution
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भारतीय संविधान के विकास का इतिहास
भारतीय संविधान का विकास एक दीर्घ, रोमांचक, आकर्षक और जटिल कहानी है जो कई दशकों तक चली। संविधान के विकास की कहानी स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष, एक पहचान की खोज और लोकतंत्र के लिए इसकी खोज की कहानी है। भारतीय संविधान, भारत की विभिन्न संस्कृतियों, जातियों, धर्मों और विविधताओं को एक धागे में पिरोता है। इस संविधान में संवैधानिक अधिकारों की एक विस्तृत सूची है, जो लोगों को स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के लिए अधिकार प्रदान करती है।
भारतीय संविधान का विकास एक लंबी प्रक्रिया थी, जिसमें लोगों को एक समझौता करने की आवश्यकता थी। संविधान का निर्माण एक बड़ी उपलब्धि थी, जो भारत के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारतीय संविधान का विकास एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया थी, जिसमें देश की विभिन्न संस्कृतियों, जातियों, धर्मों और जातियों को एकत्रित करने के लिए विभिन्न विचारों को मध्यस्थता के माध्यम से समायोजित करना पड़ा। संविधान का निर्माण एक विशाल विषय था, जिसमें देश के नेताओं ने भारत के भविष्य के लिए एक समझौता करने का प्रयास किया।
भारत के संविधान का निर्माण ‘ संविधान सभा ‘ द्वारा किया गया था, जिसकी स्थापना नवंबर 1946 में हुई। परन्तु वास्तविक रूप में भारतीय संविधान का मौलिक निर्माण 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद ही शुरू हुआ। संविधान सभा ब्रिटिश भारत के सभी प्रांतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों से बनी थी।
भारतीय संविधान का विकास 1928 में नेहरू रिपोर्ट के ड्रॉफ्ट (मसौदे) के साथ शुरू हुआ, जिसने भविष्य के भारतीय संविधान के सिद्धांतों (प्रस्तावना) को रेखांकित किया। संविधान ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष डॉ. बीआर अंबेडकर थे, जिन्होंने संविधान लिखने के लिए अधिकारिक भाषा के रूप में अंग्रेजी का चयन किया था। संविधान लिखने की प्रक्रिया 2 साल 11 महीने और 18 दिन चली, जिसमें समिति ने भारत के संविधान के लिए अनेक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।
संविधान सभा में संविधान को पारित करने के लिए एक मतदान कराया गया था। यह मतदान 26 नवंबर 1949 में हुआ, जिसमें संविधान को स्वीकृति मिल गई। इस संविधान को पूरी तरह लागू करने के लिए 26 जनवरी 1950 के दिन का चयन किया गया था। इस दिन से भारत का संविधान लागू हो गया था।
भारतीय संविधान दुनिया के सबसे लंबे और सबसे व्यापक संविधानों में से एक है, जिसमें एक प्रस्तावना और 395 article शामिल हैं। यह भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों, सरकार की शक्तियों, न्यायपालिका की संरचना और केंद्र सरकार और राज्यों के बीच संबंधों को निर्धारित करता है। भारतीय संविधान एक जटिल दस्तावेज है जिसने विभिन्न देशों के संविधान, 1935 के भारत सरकार अधिनियम और भारतीय राष्ट्रवाद के सिद्धांतों सहित कई स्रोतों की एक विस्तृत श्रृंखला को समाहित किया हैं।
भारतीय संविधान का बनना विवादों से रहित नहीं था, जिसमें राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों को शामिल करने, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए सीटों के आरक्षण, लोगों के संविधानिक अधिकार और अस्पृश्यता के उन्मूलन जैसे मुद्दों पर गर्म बहस हुई। हालांकि, सभी चुनौतियों के बावजूद, संविधान सभा एक ऐसे संविधान का मसौदा तैयार करने में सफल रही जो समय की हर कसौटी पर खरा उतरा है और एक आधुनिक, लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में भारत की पहचान को आकार देने में मदद की है।
प्रारम्भिक काल
👉🖱 भारतीय संविधान के विकास का इतिहास (under EIC) महत्वपूर्ण प्रश्न (PYQ’s)
ब्रिटिश क्रॉउन के अंतर्गत
👉🖱 भारतीय संविधान के विकास का इतिहास (under British Crown) महत्वपूर्ण प्रश्न (PYQ’s)
Development of Indian Constitution Q & A
भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए संविधान सभा का गठन कब किया गया था?
उत्तर: संविधान सभा का गठन 9 दिसंबर, 1946 को किया गया था।
भारतीय संविधान की मसौदा समिति के अध्यक्ष कौन थे?
उत्तर: डॉ. बी. आर. अम्बेडकर भारतीय संविधान की मसौदा समिति के अध्यक्ष थे।
भारतीय संविधान को कब अपनाया गया था?
उत्तर: भारतीय संविधान को 26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया था।
भारतीय संविधान कब लागू हुआ?
उत्तर: भारतीय संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था।
संविधान निर्माण कमेटी में कितने सदस्य थे?
उत्तर: संविधान निर्माण कमेटी में 389 सदस्य थे।
भारत का संविधान किस प्रकार का संविधान है?
उत्तर: भारत का संविधान फैडरल (संघीय) संविधान है।
किस वर्ष में संविधान संशोधन (Amendment) प्रक्रिया शुरू हुई थी?
उत्तर: संविधान संशोधन प्रक्रिया का आरंभ 1951 में हुआ था।
संविधान निर्माण समिति के अध्यक्ष कौन थे?
उत्तर: संविधान निर्माण समिति के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे।