Anekarthi shabd – अनेकार्थी शब्द
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अनेकार्थी शब्द : ऐसे शब्द जिनके अनेक अर्थ होते हैं, उनको अनेकार्थी शब्द कहते हैं। अनेकार्थी शब्द जिसके अनेक अर्थ है वह सारे अर्थ आपस में पर्यायवाची नहीं होते हैं।
उदाहरण के लिए द्विज के अनेकार्थी शब्द है द्विज: पक्षी,दाँत, अंडज, प्राणी, ब्राह्मण, चंद्रमा। यहां द्विज शब्द के सभी अनेकार्थी शब्द द्विज के समनार्थी है तथा कुछ पर्यायवाची भी हो सकते हैं, लेकिन पक्षी शब्द जो द्विज का अनेकार्थी उसके पर्यायवाची दाँत, अंडज, प्राणी, ब्राह्मण और चंद्रमा नहीं हो सकते साथ ही दाँत शब्द जो द्विज का अनेकार्थी शब्द है उसके के पर्यायवाची अण्डज, पक्षी, प्राणी, ब्राह्मण और चंद्रमा नहीं हो सकते अर्थात अनेकार्थी शब्द आपस में पर्यायवाची शब्द नहीं होते हैं।
किसी शब्द के प्रत्येक अनेकार्थी शब्द का प्रयोग हम उस शब्द के स्थान पर नही कर सकते।
जैसे- पानी के अनेकार्थी शब्द हैं ,
पानी के प्रत्येक अनेकार्थी शब्द का प्रयोग हम पानी शब्द के स्थान पर नही कर सकते।
जैसे: मैं पानी पीता हूँ।✔️
यहां पानी शब्द के स्थान पर उसका अनेकार्थी शब्द चमक शब्द का प्रयोग उसी अर्थ के लिए नहीं हो सकता।
मैं चमक पीता हूँ। ❌
या
मैं लज्जा पीता हूँ। ❌
कुछ महत्वपूर्ण अनेकार्थी शब्द
अंक: भाग्य, गिनती के अंक, नाटक के अंक, चिह्न संख्या, गोद।
अंकुश: हाथी पर नियंत्रण करने के लिए प्रयोग होने वाला लोहे का शस्त्र, रोक।
अंकोर: गोद, भेंट, रिश्वत, कलेवा, दुपहरी।
अंब: आम का वृक्ष या फल, माता, दुर्गा।
अंबर: आकाश, वस्त्र, कपास, अभ्रक, बादल, अमृत।
अंबर: वस्त्र, अमृत, आकाश, बादल, गगन, कपास, मेघ।
अघ: पाप, पातक।
अचल: स्थिर, पहाड़, अटल, निश्चल।
अचल: स्थिर, पहाड़, अटल, निश्छल।
अदिति: देवताओं की माता, पृथ्वी, प्रकृति।
अब्ज: कमल, चंद्रमा, शंख, कपूर।
अमृत: स्वर्ग, जल,पारा, दूध, अन्न। अर्क: तांबा, काढ़ा, सूर्य, मदार का पौधा, इंद्र, स्फाटिक ।
अरुण: सूर्य, लोचन, सिंदूर, लाल, नेत्र, कबूतर, कोकिल ।
अर्क: रस, सूर्य, आक, इंद्र, ताँबा, विष्ण, आसव।
अर्णव: समुद्र, सूर्य, इंद्र ।
अर्भ: बालक, शिष्य, शिशिर, सागपात,
अलि: सखी, बिच्छू, भ्रमरी, पंक्ति, बाँध, सेतु ।
अश्म: पत्थर, पर्वत, बादल।
अहि: साँप, राह, पृथ्वी, सूर्य, दुष्ट, वृत्रासुर।
आराम: वाटिका, सुविधा, राहत, विश्राम ।
उरु: जांघ, विशाल, श्रेष्ठ।
उर्मि: पीड़ा, लहर, दुःख, शिकन, कपड़े की सिलवट।
कपि: बंदर, हाथी, सूर्य।
कपिल: अग्नि, कुत्ता, चूहा, शिलाजीत, शिव, वानर, सूर्य, विष्णु, मटमैला, सफेद, एक मुनि ।
कलत्र: कमर, किला, स्त्री, नितम्ब।
कलधौत: सोना, चाँदी, सुमधुर, शब्द, सुंदर, धुला हुआ ।
कलाप: समूह, चाँद, व्यापार।
कलापिनी: मोरनी, रात्रि ।
कलापी: वटवृक्ष, तरकसबंद, मोर, कोयल।
कलि: विवाद, शिव, पाप, युद्ध, दु:ख, एक युग, वीर ।
कशिप: तकिया, बिछौना, अन्न, भात, आसन, कपड़ा, पहलाद के पिता।
कांत: पति, श्री कृष्ण, विष्णु, चंद्रमा, शिव, बसंत, ऋतु, कार्तिकेय ।
केहरी: सिंह, घोड़ा।
कोष: शब्द–संग्रह, खजाना, म्यान, डिब्बा।
खर: गधा, तिनका, कड़ा, तीक्ष्ण, प्रखर, एक राक्षस, दुष्ट।
गो: गाय, नदी, इंद्रिय, तारे, आकाश पृथ्वी, इंद्र का वज्र, वाणी, सरस्वती, माता, जल, दिशा, सांड, बैल, चंद्रमा घोड़ा।
घन: बादल, बड़ा हथौड़ा, घना, किसी संख्या को उसी से दो बार गुणा करने पर प्राप्त गुणनफल ।
चक्र: चाक, भंवर, बवंडर, पहिया।
चक्री: विष्णु, कुम्हार ।
चपला: बिजली, लक्ष्मी, चंचल स्त्री। जातरूप: धतूरा, सोना।
जया: दुर्गा, पार्वती, पताका, हरी, दूब ।
जलज: जोंक, कमल, शंक, मोती, चंद्रमा, मछली ।
जीवन: पानी, जिंदगी, प्राण, जल, पुत्र, गंगा, आजीविका ।
ताल: तालाब, झील, ताड़ का वृक्ष, संगीत का संमयक संकेत (लय)।
दुर्दर: मेंढक, बादल ।
द्रोण: कौआ, दोना, द्रोणाचार्य।
धनंजय: अर्जुन, अग्नि, चित्रक, वृक्ष, अर्जुन, विष्णु।
धवल: निष्कलंक
नंदिनी: गंगा, उमा, पुत्री, ननद, कामधेनु की बछिया।
नाग: हाथी, पर्वत, बादल, वायु का एक भेद ।
नीलकण्ठ: मोर, शिव।
पतवार: कर्ण, कुंती पुत्र, कान, समकोण त्रिभुज में सबसे बड़ी भुजा।
पत्र: पत्ता, चिट्ठी, कागज, पंख, समाचार पत्र, धातु का पत्तर, पुष्य।
पानी: जल,चमक, इज्जत, लज्जा, वर्षा, स्वाभिमान, वन, जीवन।
फल: परिणाम, लाभ, मेवा, प्रभाव, रस युक्त, कर्म योग, शस्त्र का अग्रभाग।
मत्सर : क्रोध, द्वेष, ईष्या ।
माधव: श्रीकृष्ण, विष्णु, बसंत।
रस: प्रेम, अर्क, रुप, पानी, स्वाद, सत्व, निचोड़, आनंद, धातु का भस्म।
रसा: जीभ, पृथ्वी।
रसाल: आम, ईख, रसीला, मीठा।
वन: वाटिका, जंगल, भवन, पानी।
वर: दूल्हा, श्रेष्ठ, वरण करने योग्य, वरदान, पति, आशीर्वाद।
विधि: विधाता, कानून, ब्रह्मा, युक्ति, व्यवस्था, तरीका, अवधि, पद्धति ।
विहंग: चंद्रमा, सूर्य, वायु, बादल, पक्षी, तारें।
सारंग: एक वाद्य यन्त्र, छाता, तलाब, नाग, कमल, गहना, भौंरा, चंद्रमा, कपूर, स्त्री, फूल, श्री कृष्ण, रात्रि, समुद्र, बाण, पानी, दीपक, मेख, केश, खंजन, सर्प, मेंढक वस्त्र, धनुष, कामदेव, काजल, शोभा, दिन, एक राग, एक रंग विशेष चंदन, घोड़ा, चातक, मधुमक्खी, मोर, बाज, सोना, शंख, कोयल, हाथी, सिंह, हंस, सूर्य, मृग।
सुरभि: पृथ्वी, सुंदर, गौ, सुगंधि ।
सुवर्ण: सोना, सुनहरा, अच्छे वर्ण का।
हर: हरण करने वाला, प्रत्येक, शिव, अग्नि, हल, भिन्न में अंश के नीचे की संख्या (भाजक)।
हरि: विष्णु, मेंढक, हंस, आग, कामदेव, हाथी, घोड़ा, सर्प, सुर्य।
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