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विराम चिह्न / Viram Chinh

विराम चिह्न / Viram Chinh

विराम का अर्थ है ‘ रुकना ‘ या ‘ ठहराव ‘।

  • विराम चिह्नों का प्रयोग भाषा को सही तरीके से लिखने और सही अर्थ समझने में किया जाता है। बिना विराम चिह्नों के या विराम चिह्नों के गलत स्थान पर प्रयोग करने से अर्थ का अनर्थ हो जाता है।
  • विराम चिह्नों का मुख्य उद्देश्य वाक्यों की संरचना को स्पष्ट बनाना, वाक्यांशों को अलग करना, और पठन को सही अर्थ में समझना होता है। विराम चिह्न भाषा को समझने और संवाद को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

उदाहरण 1–

रोको, मत जाने दो।

रोको मत, जाने दो।

उपर्युक्त उदाहरण-1 में कथन-1 का अर्थ है, यहां वक्ता किसी से कह रहा कि मुझे रोको लो, जाने मत दो। जबकि कथन-2 का अर्थ है कि मुझे रोको नहीं , जाने दो

उदाहरण 2-
तुम खेत में काम करते हो ( साधारण वाक्य )
तुम खेत में काम करते हो ! (आश्चर्य व्यक्त करना )
तुम खेत में काम करते हो ? ( पश्न पूछना)

उदाहरण 3-

एक गांव की एक अल्पशिक्षित महिला के पति काम करने के लिए शहर गये । महिला अपने पति को चिट्ठी लिखना चाहती थी पर अल्पशिक्षित होने के कारण उसे यह पता नहीं था कि पूर्णविराम कहां लगेगा । इसीलिये उसका जहां मन किया, वहीं चिट्ठी में पूर्ण विराम लगा दिया। उसने चिट्ठी में अर्थ का क्या अनर्थ किया, आप खुद ही पढ़िए….

” मेरे प्यारे जीवनसाथी मेरा प्रणाम आपके चरणो में । आप ने अभी तक एक भी चिट्ठी नहीं लिखी मेरी सहेली को । नौकरी मिल गयी है हमारी गाय को । बछड़ा हुआ है दादाजी को । शराब की लत लगा गयी है मैने । तुमको बहुत खत लिखे पर तुम नहीं आये कुत्ते के बच्चे । भेड़िया खा गया। “

विराम चिन्ह के प्रकार-

विराम चिन्ह के मुख्य रूप, निम्न प्रकार से हैं :

1. अल्प विराम (Comma)  [ , ]

जहाँ थोड़ी सी देर रुकना पड़े, वहाँ अल्प विराम चिन्ह (Alp Viram) का प्रयोग करते हैं ।
उदाहरण ― नदी, पहाड़, खेत, हवा
उदाहरण ― राम, सीता और लक्ष्मण जंगल गए ।

2. अर्द्ध विराम (Semicolon) [ ; ]

जहाँ अल्प विराम (Alp Viram) की अपेक्षा कुछ अधिक देर तक रुकना पड़े, वहाँ अर्द्ध विराम (Ardh Viram) का प्रयोग करते है ।
उदाहरण ― राम बहुत पढ़ता है; उसके पास बड़ी पुस्तकें हैं।
उदाहरण ― सूर्योदय हो गया; चिड़िया चहकने लगी और कमल खिल गए ।

3. उप विराम (Colon) [ : ]

जब किसी कथन को अलग दिखाना हो तो वहाँ पर उप विराम (Up Viram) का प्रयोग करते हैं ।
उदाहरण ― प्रदूषण : एक अभिशाप ।
उदाहरण ― विज्ञान : वरदान या अभिशाप ।

4. पूर्ण विराम  (Full Stop) [ । ]

पूर्ण विराम (।) का उपयोग वाक्य के अंत में होता है, जिससे हमें वाक्य का समापन पता चलता है।
उदाहरण ― उदाहरण: राम बहुत पढ़ता है।
उदाहरण ― पेड़ से हमें फल प्राप्त होते हैं ।

5. प्रश्नवाचक चिह्न (Question Mark) [ ? ]

प्रश्नवाचक चिन्ह (Prashn Chinh) का प्रयोग, प्रश्नवाचक वाक्यों के अंत में किया जाता है ।
उदाहरण ― वह क्या लिख रहा है ?
उदाहरण ― ताजमहल किसने बनवाया ?

6. विस्मयादिबोधक चिन्ह (Exclamation Mark) [ ! ]

विस्मयादिबोधक चिन्ह (Vismayadibodhak Chinh) आश्चर्य, खुशी, दुःख आदि भावों को प्रकट करने के लिए प्रयोग किया जाता हैं।उदाहरण ― हाय !, आह !, छि !, अरे !, शाबाश !
उदाहरण ― हाय ! वह मारा गया ।
उदाहरण ― आह ! कितना सुहावना मौसम है ।

7. योजक चिह्न (Hyphen) [ – ]

योजक चिन्ह (Yojak Chinh) का प्रयोग समस्त पदों के मध्य में किया जाता है ।
उदाहरण ― सुख-दुःख, लाभ-हानि, दिन-रात, यश-अपयश, तन-मन-धन ।
उदाहरण ― देश के दीवानों ने तन-मन-धन से देश की रक्षा के लिए प्रयत्न किया ।

8. निर्देश चिह्न  (Dash)  [ ― ]

निर्देशक चिन्ह (Nirdeshak Chinh) का प्रयोग विषय, विवाद, सम्बन्धी, प्रत्येक शीर्षक के आगे, उदाहरण के पश्चात, कथोपकथन के नाम के आगे किया जाता है । इसको रेखा चिन्ह (Rekha Chinh) के नाम से भी जाना जाता है ।
उदाहरण ― ” जैसे ― अनार, आम, संतरा।”
उदाहरण ― अध्यापक ― तुम जा सकते हो ।

उदाहरण ― अध्यापक ― ” भारत के प्रथम राष्ट्रपति कौन थे? ”

छात्र ― ” भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर शंकर दयाल शर्मा थे। “

9. लाघव चिन्ह (Sign of Abbreviation) [ ० ]

किसी बड़े शब्द को संक्षेप में लिखने के लिए, कुछ अंश लिखकर लाघव चिह्न (Laghav Chinh) लगा दिया जाता है । इसको संक्षेपण चिह्न (Sankshepan Chinh) भी कहते हैं ।
उदाहरण ― उत्तर प्रदेश के लिए ― उ० प्र० ।
उदाहरण ― डॉक्टर के लिए ― डॉ० ।
उदाहरण ― इंजिनियर के लिए ― इंजी० ।

9. विवरण चिन्ह (Sign of Following) [ :- ]

विवरण चिह्न (Vivran Chinh) का प्रयोग वाक्यांश के विषयों में कुछ सूचक निर्देश आदि देने के लिए किया जाता है ।
उदाहरण ― वनों से निम्न लाभ हैं :-
उदाहरण ― सर्वनाम के निम्नलिखित भेद हैं :-

10. पद्लोप चिह्न (Mark of Ellipsis) [ … ]

उदाहरण ― राम ने मोहन को गली दी … ।
उदाहरण ― मैं सामान उठा दूंगा पर … ।

11. विस्मरण चिन्ह या त्रुटिपूरक चिन्ह [ ^ ]

विस्मरण चिन्ह (Vismaran Chinh) का प्रयोग लिखते समय किसी शब्द को भूल जाने पर किया जाता है ।
उदाहरण ―

Vismaran Chinh- विराम चिह्न / Viram Chinh

12. उद्धरण चिह्न या अवतरण चिन्ह (Inverted Commas) [ ” ” ]

इकहरा उद्धरण चिह्न  — ( ‘ ’ ), दुहरा उद्धरण चिह्न  — ( “ ” )

किसी कथन को ज्यों का त्यों उद्धृत करने के लिए उद्धरण या अवतरण चिन्ह (Uddharan or Avtaran Chinh) का प्रयोग करते हैं ।
उदाहरण : महा कवि तुलसीदास ने सत्य कहा है ― “पराधीन सपनेहु सुख नाहीं” ।
उदाहरण : भारतेंदु जी ने कहा, “हिंदी, हिन्दू, हिंदुस्तान” ।

13. कोष्ठक चिह्न ( ) { } [ ]

कोष्ठक चिन्ह (Koshthak Chinh) का प्रयोग अर्थ को और अधिक स्पस्ट करने के लिए शब्द अथवा वाक्यांश को कोष्ठक के अन्दर लिखकर किया जाता है ।
उदाहरण : विश्वामित्र (क्रोध में काँपते हुए) ठहर जा ।
उदाहरण : धर्मराज (युधिष्ठिर) सत्य और धर्म के संरक्षक थे ।

14. तुल्यतासूचक चिह्न    ( = )

15. संकेत चिह्न    ( * )

16. समाप्ति सूचक चिह्न    ( – : –)

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