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INDIAN POLITY ( भारतीय राज्यव्यवस्था )

SR. NO.TOPICMCQS/QUESTIONSNOTES
1भारतीय संविधान के विकास का संक्षिप्त इतिहास
2भारतीय संविधान सभा       
3भारतीय संविधान के स्रोत एवं विशेषताएं   संविधान के स्रोत एवं विशेषताएं MCQs
4संविधान की प्रस्तावनाMCQs प्रस्तावना
5भारतीय संविधान के भाग
6संघ और उसके क्षेत्र         
7नागरिकता    
8मूलभूत अधिकार (Fundamental Right)
9राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP)
10मूल कर्तव्य (Fundamental Duty)
11राष्ट्रपति+उपराष्ट्रपति
12पंचायत
13नगरपालिकाएं  
14संघ-राज्य
15भारतीय संविधान की विशेषताएं
16संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद
17संविधान के महत्वपूर्ण संशोधन
18निर्वाचन आयोग
19CAG
20भारत के सभी प्रधानमंत्रियों की सूची
21भारत में संवैधानिक और गैर-संवैधानिक संस्थाएं 
22भारत के राष्ट्रीय प्रतीक और चिन्ह
23HIGH COURT and SUPREME COURT
24संसद – लोकसभा और राज्यसभा
25राज्य विधानसभा और विधान परिषद
INDIAN POLITY

भारतीय राज्यव्यवस्था भारत के संविधानिक और प्रशासनिक ढांचे को दर्शाती है। यह व्यवस्था भारतीय संविधान द्वारा स्थापित की गई है और भारत को एक संविधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य बनाती है। भारतीय राज्यव्यवस्था तीन मुख्य शाखाओं पर आधारित है: कार्यपालिका (शासनिक), विधायिका (नियमक) और न्यायिका (न्यायिक)।

यहाँ भारतीय राज्यव्यवस्था के मुख्य प्रमुख तत्वों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी है:

  1. संविधान: इसकी मूल नींव संविधान में है, जिसे संविधान सभा द्वारा बनाया गया है। संविधान देश के निर्माण, सरकारी संगठन, नागरिकों के अधिकार और कर्तव्यों, न्यायपालिका के संरचना और शक्तियों, और बहुत कुछ के बारे में निर्देश देता है।
  2. त्रिकोणीय सरकार: भारतीय राज्यव्यवस्था में सरकारी शक्ति त्रिकोणीय है। इसमें तीन मुख्य शाखाएं हैं: कार्यपालिका (सरकार), विधायिका (पारितंतकार्य करने और कानून बनाने की प्रशासकीय शक्ति) और न्यायिका (न्यायपालिका या न्यायिक शक्ति)। यह त्रिकोणीय संरचना शक्तियों के संतुलन और निर्देशों के साथ सरकारी कार्य और न्यायप्रणाली की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है।
  3. लोकतंत्र: भारतीय राज्यव्यवस्था लोकतंत्रिक है, जिसका अर्थ है कि सत्ता नागरिकों के हाथ में होती है। नागरिकों के चुनाव द्वारा प्रतिनिधित्व के माध्यम से नये नेता और सरकार का चयन होता है।
  4. स्वतंत्र न्यायपालिका: इसमें न्यायपालिका स्वतंत्र और आपातकालीन है। न्यायपालिका स्वतंत्रता से न्याय व्यवस्था के मामलों में निर्णय लेती है और सरकार या व्यवस्था से आपातकालीन रूप से प्रभावित नहीं होती है।
  5. नागरिकों के अधिकार: इसमें नागरिकों को विभिन्न अधिकार प्राप्त होते हैं, जैसे कि स्वतंत्रता, समानता, मौलिक अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता, और मीडिया और स्वतंत्रता आदि।
  6. प्रशासनिक इकाइयाँ: इसमें विभिन्न प्रशासनिक इकाइयाँ हैं, जिनमें शासनिक इकाइयाँ, जैसे कि निगम, प्रदेशिक और स्थानीय प्रशासनिक इकाइयाँ, और केंद्रीय सरकारी इकाइयाँ, जैसे कि मंत्रालय, कमीशन और आयोग शामिल होते हैं।

भारतीय राज्यव्यवस्था भारत की विविधता, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, लोकतंत्र के सिद्धांतों, और संविधानिक नियंत्रण पर आधारित है। यह नागरिकों को अधिकारों, सुरक्षा, और सरकारी सेवाओं की प्राप्ति की सुनिश्चित करने का माध्यम है और देश के संपूर्ण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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